नई दिल्ली : बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित सभी 32 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट का फैसला पढ़ते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद को साजिश के तहत नहीं गिराया गया। कोर्ट ने साजिश के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वहां मौजूद कार सेवकों ने मुगल कालीन बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया। इन नेताओं ने उग्र भीड़ को समझाने और मस्जिद की कोशिश की थी।
'बाबरी गिराने की घटना अचानक हुई'
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिद गिराने की घटना अचानक हुई। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ जो साक्ष्य पेश किए गए, उनसे छेड़छाड़ा हुई। अदालत से बरी होने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। आडवाणी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आज उनकी बात सही साबित हुई।
आडवाणी बोले-पूरे हृदय से स्वीकार करता हूं फैसला
आडवाणी ने अपने एक बयान में कहा, 'मैं बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में अदालत के फैसले को पूरे हृदय से स्वीकार करता हूं। इस फैसले ने राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे और भारतीय जनता पार्टी की प्रतिद्धता एवं मान्यता को सही ठहराता है। मैं अदालत के इस फैसले से काफी राहत महसूस कर रहा हूं। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के नो नवंबर 2019 के ऐतिहासिक निर्णय के अनुरूप है।'
'राम मंदिर का निर्माण होते देखना चाहता हूं'
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा, 'मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों सहित उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने अयोध्या आंदोलन के दौरान मुझे मजबूती दी और मेरा समर्थन किया। करोड़ों देशवासियों की तरह मैं भी अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होते देखना चाहता हूं।'
कोर्ट में सुबह पहुंचे 26 आरोपी
कोर्ट में भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित नहीं हुए जबकि विनय कटियार, धर्मदास, वेदांती, लल्लू सिंह, चंपत राय और पवन पांडे सहित अन्य आरोप अदालत में मौजूद रहे। मामले में आरोपी आडवाणी, जोशी, नृत्य गोपाल दास की उम्र 80 साल के ऊपर है जबकि उमा भारती, सतीश प्रधान अस्पताल में हैं। सुबह साढ़े दस बजे कोर्ट में सभी 26 आरोपी उपस्थित हुए। कोर्ट के बाहर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। मीडिया को भी कोर्ट परिसर में दाखिल होने की इजाजत नहीं थी।
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