चंडीगढ़ : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के कई ठिकाने ध्वस्त कर दिए थे, जिसने इस कायराना हरकत की जिम्मेदारी ली थी। यह कार्रवाई पाकिस्तान को यह साफ संदेश देने के लिए थी कि ऐसी किसी भी वारदात को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उसकी कीमत चुकानी होगी।
उस वक्त इंडियन एयर फोर्स के प्रमुख रहे बीएस धनोआ ने दो टूक कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के जरिये पाकिस्तान को अच्छी तरह समझा दिया गया कि भारत के खिलाफ किसी भी आतंकी वारदात को सहन नहीं किया जाएगा और इसके लिए उसे कीमत जरूर चुकीनी पड़ेगी। 30 सितंबर को अपने पद से सेवानिवृत्त हुए धनोआ ने साफ कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाना तय था, सवाल थे तो बस दो- कब और कहां।
उन्होंने कहा, 'सरकार और राजनीतिक इच्छाशक्ति स्पष्ट थी। जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान को यह बताना था कि ऐसे हमलों की कीमत चुकानी होगी, चाहे आप जहां कहीं भी हों। चाहे वह पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर हो या फिर पाकिस्तान, हम तुम्हें मारेंगे और यही बालाकोट का संदेश था, जो प्रभावी तरीके से पड़ोसी मुल्क व आतंकियों तक पहुंचा दिया गया।'
धनोआ पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा यहां आयोजित सैन्य साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन 'अंडरस्टैंडिंग द मैसेज ऑफ बालाकोट' पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे, जब उन्होंने यह भी कहा कि 'हमारी तरफ से कुछ मूर्खतापूर्ण गलतियां हुईं, जिससे सबक लिया गया।' उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किए जाने की बात भी कही। हालांकि इस बारे में स्पष्ट नहीं किया कि वे 'मूर्खतापूर्ण गलतियां' क्या थीं।
इस दौरान वह इशारों-इशारों में मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों व 2008 में हुए आतंकी हमलों के बाद भी पड़ोसी मुल्क के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल उठाते भी नजर आए, जब उन्होंने कहा, 'उड़ी में 2016 में हुए आतंकवादी हमले के बाद सेना ने पहली बार जवाब दिया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लॉन्च पैड ध्वस्त कर दिए।'
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