नई दिल्ली: एक सरकारी कर्मचारी द्वारा निर्भया के परिजन से बदसलूकी का मामला सामने आया है। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में 2012 दिल्ली गैंगरेप की पीड़िता के परिजन और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) प्रीतम मिश्रा को बहस करते हुए देखा जा सकता है। बहस के दौरान CMO कहता है कि अगर वह मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी, तो उसे दिल्ली क्यों भेजा?
उत्तर प्रदेश के बलिया में ग्रामीण अस्तलाल में डॉक्टरों और बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। इसी दौरान CMO वहां पहुंचते हैं और ग्रामीणों को समझाने लगते हैं। इस दौरान वो कहते हैं कि यहां गांव में कोई है डॉक्टरी पढ़ने वाला? जब यहां कोई पढ़ने वाला नहीं है तो डॉक्टर की उम्मीद क्यों कर रहे हैं।
आगे वो कहते हैं कि जब डॉक्टर पैदा नहीं होंगे तो कहां से काम करेंगे। डॉक्टर का काम अस्पताल बनाना नहीं है। पूरे गांव में एक भी डॉक्टर तो है नहीं, कर रहे हैं बड़ी-बड़ी बात। वो निर्भया के परिजन से कहते हैं कि सिर्फ अस्पताल ही नहीं, डॉक्टर भी बनाइए।
इसी पर निर्भया के परिजन कहते हैं कि हमारे डॉक्टर को तो आप ले लिए, जिंदगी ले लिए। निर्भया का नाम नहीं सुने हैं। इस पर CMO कहते हैं कि दिल्ली क्यों भेज दिए थे? यहीं क्यों नहीं रखा। ग्रामीण गांव में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को लेकर 2 दिनों से धरने पर बैठे थे।
CMO की बात पर निर्भया की मां ने गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने CMO को हटाने की बात बोली है। निर्भया के निधन के बाद अखिलेश सरकार ने बलिया में इस अस्पताल का निर्माण कराया था। अब इस हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं है। 204 पद हैं, लेकिन डॉक्टर सिर्फ 70 हैं।
निर्भया दिल्ली में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। उसके दोषियों को फांसी की सजा हो गई है, लेकिन कानून का उपयोग कर वो बार-बार बच रहे हैं। 2 बार दोषियों का डेथ वारंट भी जारी हो गया है, लेकिन अभी तक उन्हें फांसी नहीं हुई है।
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