नई दिल्ली : कोविड-19 के संक्रमण के एक बड़े हॉटस्पॉट के रूप में उभरे मरकज निजामुद्दीन पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं। क्राइम ब्रांच की जांच में अब यह बात सामने आई है कि कार्यक्रम से पहले मरकज के बैंक अकाउंट्स में विदेशों से बड़ी राशि जमा कराई गई और इस बारे में बैंकों ने मरकज को कई अलर्ट भेजे लेकिन इस संस्था ने अलर्ट को नजरंदाज किया। वित्तीय निगरानी एजेंसियां मरकज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से भी जांच शुरू कर सकती हैं।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच मरकज की फंडिंग की जांच कर रही है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक बैंकों ने पाया कि कार्यक्रम से पहले निजामुद्दीन मरकज के बैंक खातों में रकम तेजी से बढ़ी और खातों में ये रकम विदेशों से भेजे गए। बैंक खातों में अचानक ज्यादा रकम जमा होने पर बैंकों ने मरकज को कई अलर्ट भेजे। अब क्राइम ब्रांच बैंकों के इन अलर्ट्स को नजरंदाज करने पर मरकज के खाता धारकों से जवाब मांगा है।
जाकिर नगर में मौलाना साद की लोकेशन मिली
सूत्रों का कहना है कि इस बीच मौलाना साद ने अपनी कोविड-19 की जांच कराई है। यह घटना सामने आने के बाद साद लापता हैं लेकिन क्राइम ब्रांच की जांच में तब्लीगी जमात के प्रमुख की लोकेशन जाकिर नगर मिली है। साद की लोकेशन मिलने के बाद भी क्राइम ब्रांच उन तक पहुंचने में हिचक रही है क्योंकि वह खुद साद के कोविड-19 की टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि क्राइम ब्रांच मौलाना से पूछताछ की प्रक्रिया जल्द शुरू कर सकती है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच कर रही टीम को पहले ही होटल में ठहरने के निर्देश दे चुके हैं।
2041 विदेशी नागरिक कार्यक्रम में शामिल हुए
जांच में यह बात भी सामने आई है कि मार्च के मध्य में मरकज निजामुद्दीन के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक शामिल हुए। इस कार्यक्रम में 2041 विदेशी नागरिकों के शामिल होने की बात सामने आई है। मरकज की इमारत से लोगों को निकालने के लिए प्रशासन की तरफ से जो अभियान चलाया गया तो उसमें करीब 284 विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
साद के खिलाफ केस दर्ज
सरकार के निर्देशों का उल्लंघन पर दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद सहित निजामुद्दीन मरकज के छह सदस्यों के खिलाफ आईपीसी, एपिडेमिक डिजिज एक्ट 1897 और आपदा प्रबंधन कानू, 2005 की विभिन्न धाराओं एवं प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
खुफिया एजेंसियां भी जाचं में जुटीं
मरकज मामले की जांच में केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी जुटी हैं। एजेंसियां कोविड-19 से संक्रमित जमात के लोगों के संपर्क में आए लोगों के बारे में पता कर रही हैं। इन कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों के बारे में पता करने के लिए खुफिया एजेंसियां पेशेवर डिजिटल फॉरेंसिक डिवाइस का इस्तेमाल कर रही हैं। यही नहीं, एजेंसियों ने क्वरंटाइन में रखे गए मरीजों से 900 सेलफोन का डाटा रिकवर किया है। इन सभी नंबर्स और उनसे जुड़े संपर्कों को सॉफ्टवेयर के जरिए खंगाला जा रहा है।
मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की भी हो सकती है जांच
मरकज की फंडिंग की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अपनी रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर विभाग को सौंपेगी। इस बारे में मौलाना साद के विस्तृत बयान की प्रतीक्षा की जा रही है। साद का बयान मिल जाने के बाद वित्तीय जांच एजेंसियां क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट एवं मौलाना के बयान पर अलग से जांच शुरू करेंगी। वित्तीय जांच एजेंसियों को यदि लगेगा कि इसमें आर्थिक अपराध हुआ है तो मनी लॉन्ड्रिंग के तहत भी जांच शुरू की जाएगी।
मरकज के खातों को देखने वाले बैंकर्स की भी होगी जांच
क्राइम ब्रांच की शुरुआती जांच से पता चला है कि मरकज के कार्यक्रम से पहले उसके बैंक खातों में बड़ी राशि जमा हुई है। इस दौरान करीब 2000 विदेशी नागरिक मरकज आए और इनमें से ज्यादातर ने दान दिए। इस बारे में मरकज ने कुछ दस्तावजों को छोड़कर बैंक के ब्योरे साझा नहीं किए हैं। क्राइम ब्रांच मरकज के खातों को देखने वाले बैंकर्स की भी जांच करेगी।
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