पश्चिम बंगाल विधानसभा में कुल 294 सीटें हैं जिसमें एससी और एसटी के लिए क्रमशः 68 और 16 सीटें आरक्षित हैं। सत्ता में आने के लिए चाहिए 148 सीट। अप्रैल-मई 2021 में विधान सभा चुनाव सम्पन्न होंगे और इसीलिए अभी से सवाल उठने लगे हैं कि कौन जीतेगा पश्चिम बंगाल: ममता या भाजपा? फिलहाल इस प्रश्न का उत्तर मिलेगा हिस्टॉरिकल डेटा से।
सबसे पहले देखते हैं पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव 2016 में क्या हुआ?
पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव 2016
पार्टी सीट वोट %
टीएमसी 211 45.6
कांग्रेस 44 12.4
सीपीआईएम 26 20.1
बीजेपी 03 10.3
अन्य 10 11.6
कुल 294 100
उपरोक्त आंकड़े में सिर्फ दो महत्वपूर्ण पहलू हैं; पहला ममता बनर्जी का थमपिंग मेजोरिटी और दूसरा भाजपा को मिलीं सिर्फ 2 सीटें और 10 फीसदी वोट।
अब देखते हैं पश्चिम बंगाल लोक सभा चुनाव 2019 में क्या हुआ ?
पश्चिम बंगाल लोक सभा चुनाव 2019
पार्टी सीट वोट %
टीएमसी 22 43.69
बीजेपी 18 40.64
कांग्रेस 2 5.67
सीपीआईएम 0 6.34
अन्य 0 3.66
कुल 294 100
उपरोक्त आंकड़े पश्चिम बंगाल में भारी उलट फेर दिखा रहे हैं। पहला ममता बनर्जी 2014 लोकसभा चुनाव की 34 सीट से घटकर 2019 लोकसभा चुनाव में 22 सीटों पर आ जाती हैं और दूसरी ओर भाजपा 2014 के 2 सीट से बढ़कर सीधे 18 सीटों पर पहुंच जाती है।
अब देखते हैं टीएमसी का दो लोकसभा चुनावों के बीच क्या हुआ?
लोकसभा चुनाव सीट वोट %
2014 34 38
2019 22 43 +5%
2019 के लोक सभा चुनाव में ममता बनर्जी को 5 फीसदी वोटों का फायदा हुआ लेकिन सीटों के मामले में 12 सीटों का नुकसान हुआ ।
अब देखते हैं बीजेपी का दो लोकसभा चुनावों के बीच क्या हुआ?
लोकसभा चुनाव सीट वोट %
2014 2 17
2019 18 40.64 +23%
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का ग्राफ 2 लोकसभा सीट से 18 सीट पर पहुंच गया और 23 फीसदी वोट भी बढ़े। अब देखते हैं असली खेल: पहला सवाल ममता क्यों परेशान हैं। दूसरा सवाल भाजपा बंगाल में अपने को सत्ता से इतना नजदीक क्यों समझ रही है?
इन दोनों प्रश्नों का उत्तर निहित है 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम में।
यदि लोक सभा के परिणाम को विधानसभा के लीड के रूप में देखें तो स्थिति ये बनती है:
पार्टी 2016 विधानसभा चुनाव 2019 लोकसभा चुनाव नफा/नुकसान
टीएमसी 211 163 -48
बीजेपी 3 122 +119
कांग्रेस 44 9 -35
सीपीआईएम 32 0 -32
अन्य 4 0 -4
कुल 294 294
पहले सवाल का उत्तर है 2019 का लोकसभा चुनाव परिणाम जिसने ममता बनर्जी को डरा दिया है। उनके डर का कारण अपनी घटती संख्या तो है ही लेकिन असली डर का कारण है भाजपा का ग्राफ 3 से लीड 122 पर पहुंच गया है। जहां तक लीड के मामले में ही देखें तो ममता बनर्जी को 48 सीटों का भारी नुकसान हो रहा है।
दूसरे सवाल का उत्तर भी निहित है 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम में। पहला बीजेपी को लोक सभा चुनाव में 18 सीटें मिलीं जो अपने आप में एक मैसेज है। अर्थात 2016 विधानसभा चुनाव में 3 सीट और 2019 लोकसभा चुनाव में 122 सीटों पर लीड यानि 119 सीटों का इजाफा। मानें 119 सीटों का इजाफा हुआ भाजपा के खाते में।
लेफ्ट का तो सुपड़ा साफ हो चुका है और कांग्रेस भी उसी कगार पर पहुंचने को तैयार है
कुल मिलाकर पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने के लिए 294 में से 148 सीटें चाहिए यानि जो पार्टी 148 पाएगा वही बंगाल पर राज करेगा। आंकड़ों के हिसाब से यदि ममता बनर्जी की पार्टी को लोकसभा लीड 163 में 16 सीटें घटती है तो ममता सत्ता से बाहर हो जाएंगी। दूसरी तरफ भाजपा लोकसभा लीड 122 में 26 सीटें जोड़ लिया तो बंगाल में पहली बार भाजपा सत्ता में आ जाएगी। आखिर में ये है आंकड़ों पर आधारित पूर्वानुमान असली रिजल्ट के लिए हमें करना होगा इंतजार 2021 विधानसभा चुनाव परिणाम का जिसमें तय होगा कि कौन जीता बंगाल- ममता या भाजपा।
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