नई दिल्ली : हम ऐसे समय में दिवाली का त्योहार मनाने जा रहे हैं, जब पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में है। इस घातक संक्रामक रोग से बचाव के लिए लोगों को पूरी सतर्कता बरने के निर्देश दिए जा रहे हैं, जिसमें सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी प्रमुखता से शामिल है। लेकिन दिवाली में इसे लेकर विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। खासकर पटाखे जलाते समय सैनिटाइजर के इस्तेमाल को लेकर तो विशेष रूप से चौकस रहने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह ज्वलनशील होता है और पटाखे के संपर्क में आकर तबाही मचा सकता है।
इसलिए दिवाली के दिन सैनिटाइजर के इस्तेमाल को लेकर विशेष एहतियात बरने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की विकराल होती स्थिति के बीच पटाखों पर बैन लगा दिया गया है, ताकि संक्रमण के बीच प्रदूषण की समस्या से निजात पाई जा सके। इसके बावजूद आतिशबाजी पर पूरी तरह रोक लगाना एक बड़ी चुनौती है।
फिर कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के एहतियातों के तहत सैनिटाइजर का इस्तेमाल लोगों की आदम में शुमार हो गया है। यह संक्रमण से बचाव की दृष्टि से तो ठीक है, पर पटाखे जलाने के दौरान सैनिटाइजर का स्प्रे या हाथों में सैनिटाइजर लगाकर पटाखे जलाना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि दिवाली में पटाखे जलाते समय सैनिटाइजर को लेकर विशेष ध्यान रखें।
सैनिटाइजर को वैसी जगह पर न रखें, जहां आतिशबाजी करनी हो या किसी भी तरह की चिंगारी के संपर्क में वह आए। जहां आतिशबाजी करनी हो, वहां से सैनिटाइजर को पूरी तरह दूर रखें। पटाखे जलाने से पहले हाथों पर सैनिटाजर का इस्तेमाल बिल्कुल न करें, वरना इससे हाथों में आग लग सकती है। आतिशबाजी के दौरान जहां बच्चों के साथ बड़ों का होना जरूरी है, वहीं उस जगह पानी से भरी बाल्टी भी जरूर रखें, ताकि शरीर के किसी हिस्से पर अगर चिंगारी जले तो उस पर तुरंत पानी डालकर आग बुझाई जा सके।
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