चेन्नई : लेबनान की राजधानी बेरूत में दो दिन पहले हुए विस्फोट से पूरी दुनिया दहल गई है। यहां विस्फोट बंदरगाह पर बड़ी मात्रा में रखे अमोनियम नाइट्रेट के भंडार में हुआ है, जिससे भारी तबाही हुई है। इस घटना में मरने वालों की संख्या जहां 135 जा पहुंची है, वहीं 5 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं, जबकि लाखों बेघर हो गए हैं। विस्फोट की तीव्रता और इससे हुए नुकसान को देखते हुए इसकी तुलना जापान के दो प्रमुख शहरों हिरोशिमा और नागाशाकी पर 1945 में गिराए गए परमाणु बम से भी की जा रही है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि भारत ऐसे भंडारों को लेकर कितना सुरक्षित है?
तमिलनाडु के चेन्नई एयरपोर्ट के पास एक वेयरहाउस में भी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट रखे हुए हैं, जिसे लेकर यहां लोगों में पहले से ही चिंता रही है। अब लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमाकों के बाद यह खौफ और बढ़ गया है और इसे सुरक्षित तरीके से निपटाने की मांग बढ़ने लगी है। पीएमके नेता रामदास ने इस संबंध में कई ट्वीट किए हैं और बताया है कि चेन्नई एयरपोर्ट के करीब वेयरहाउस में करीब 740 टन अमोनियम नाइट्रेट रखे हुए हैं।
उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट में चेन्नई एयरपोर्ट के करीब वेयरहाउस में रखे अमोनियम नाइट्रेट के सुरक्षित निस्तारण की मांग की। हालांकि चेन्नई कस्टम्स का कहना है कि अमोनियम नाइट्रेट यहां सुरक्षित तरीके से रखा हुआ है और इसे लेकर घबराने की कोई बात नहीं है। कस्टम अधिकारियों के मुताबिक, अमोनियम नाइट्रेट चेन्नई के बाहरी इलाके में एक वेयरहाउस में सुरक्षित रखा हुआ है और उसके पास कोई इमारत या रिहायशी इलाका नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि कोर्ट के आदेश पर इसकी ई-निलामी की प्रक्रिया भी चल रही है।
इस बीच सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) की ओर से कटम्स विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि देशभर में सभी वेयरहाउस और बंदरगाहों पर खतरनाक व विस्फोटक रसायनों के भंडारण की सुरक्षा को लेकर 48 घंटों के भीतर जांच करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि यहां सुरक्षा और आग से सभी बचाव हैं या नहीं और इनसे जानमाल को कोई खतरा तो नहीं है। CBIC की ओर से कहा गया हे कि यह कदम विदेश में हुए हालिया विस्फोट की घटना को देखते हुए उठाया गया है।
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