कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी का गुरुवार रात निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती किया गया था। 75 वर्षीय नेता का यहां पिछले एक सप्ताह से इलाज चल रहा था। मुखर्जी को अस्पताल से छुट्टी दी जाने थीं लेकिन गुरुवार रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके चलते उनकी मौत हो गई। मुखर्जी के निधन का समाचार मिलने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अस्पताल पहुंचीं।
सुब्रत के निधन का समाचार मिलने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एसएसकेएम अस्पताल पहुंची। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, 'मैंने अपने जीवन में बड़ी त्रासदियों को देखा है लेकिन सुब्रत मुखर्जी का जाना मेरे जीवन की सबसे बड़े क्षति है। उनके कद का व्यक्ति जो पार्टी एवं अपने निवार्चन क्षेत्र के लोगों को इतना प्यार करता था, वह अब लौट कर नहीं आएगा। गोवा से लौटने के बाद मैंने अस्पताल जाकर उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि वह जिलों का अपना दौरा शुरू करना चाहते हैं।'
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुखर्जी के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को कोलकाता के रवींद्र सदन में रखा जाएगा। भावुक हुईं ममता ने कहा कि उजाले के पर्व के समय उनका निधन अंधेरे के समान है। मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ फिरहद हकीम, चंद्रिमा भट्टाचार्य, अरूप बिस्वास, सांसद माला रॉय एवं अन्य नेता अस्पताल पहुंचे थे। मुखर्जी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी नेता थे। सुब्रत ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की। बाद में वह कांग्रेस नेता प्रिय रंजन दासमुंशी के संपर्क में आए। वह बॉलीगंज से विधायक रहे।
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