बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सिर्फ बीमारी के इलाज तक ही सीमित नहीं होती हैं, ये सामाजिक न्याय को प्रोत्साहित करती हैं। जब किसी गरीब को सस्ता और उत्तम इलाज सुलभ होता है, तो उसका व्यवस्था पर भरोसा मज़बूत होता है।बीते सालों में हेल्थ सेक्टर की जितनी भी योजनाएं लागू की गई हैं, उनकी प्रेरणा यही सोच है। आयुष्मान भारत योजना और जनऔषधि योजना से हर साल गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के लाखों करोड़ रुपए इलाज में खर्च होने से बच रहे हैं।
इलाज के खर्च की चिंता का समाधान जरूरी
इलाज के खर्च की चिंता से गरीब को मुक्ति मिलती है तो वो निश्चिंत होकर गरीबी से बाहर निकलने के लिए परिश्रम करता है।देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज के निर्माण का लक्ष्य हो या फिर मेडिकल एजुकेशन को सबकी पहुंच में रखने के प्रयास, इससे आने वाले 10 सालों में देश को रिकॉर्ड संख्या में नए डॉक्टर मिलने वाले हैं।
गुजरात में अब एक एम्स और 36 से अधिक मेडिकल कॉलेज
गुजरात में दो दशक पहले नौ ‘मेडिकल कॉलेज’ थे, अब यहां एक एम्स और तीन दर्जन से अधिक ‘मेडिकल कॉलेज हैं ।देश के प्रत्येक जिले में एक ‘मेडिकल कॉलेज’ बनाने के फैसले से भारत में भविष्य में रिकॉर्ड संख्या में चिकित्सक होंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अगर हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ा तो कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली। हम सबने कमि.यों पर गौर किया और चुनौती से निपटने के लिए साझा प्रयास पर बल दिया।
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