Bharat Bandh on 27 September 2021: संयुक्त किसान मोर्चा ने आज यानी सोमवार को 27 सितंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा कई और किसान संगठन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। गौर हो कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। अलग-अलग राज्यों में भी किसान जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर देशभर के किसानों ने डेरा डाल रखा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने देश के सभी लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की है, साथ ही मोर्चे की ओर से सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से भी भारत बंद में शामिल होने की अपील की गई है भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली में भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
मोर्चा ने कहा है कि बंद के दौरान लोगों को स्वेच्छा से सब कुछ बंद करने की अपील की जाए, किसी किस्म की जबरदस्ती नहीं की जाए, क्योंकि इस आंदोलन में किसी भी किस्म की हिंसा या तोड़फोड़ की कोई जगह नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि केन्द्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितंबर को आहूत 'भारत बंद' के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन जगह प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से किसी को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। अधिकारी ने बताया, 'सुरक्षा एहतियातन की गई है और पूरी तरह सचेत हैं। दिल्ली में भारत बंद का कोई आह्वान नहीं है, लेकिन हम घटनाक्रम पर ध्यान रख रहे हैं और पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।' मोर्चा ने राजनीतिक दलों से भी कहा है कि वे 'लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों को बचाए रखने की उनकी लड़ाई में हिस्सा लें।'
मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक के लिए किया गया है। इस दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है।
कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' को समर्थन देने की घोषणा की। साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों से वार्ता बहाल करने की मांग उठायी। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके सभी कार्यकर्ता किसान संगठनों व किसानों द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेंगे।उन्होंने कहा, 'हम मांग करते हैं कि किसानों के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए क्योंकि वे पिछले नौ महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं। हम मांग करते हैं कि बिना चर्चा के लागू किए गए ये तीनों काले कानून वापस लिए जाने चाहिए।'
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत भारत बंद के आह्वान का पुरजोर समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा 'काले कानूनों' के खिलाफ किसानों के साथ खड़े रहे हैं। चड्डा ने ट्वीट किया, 'आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल हमेशा इन काले कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ खड़े रहे हैं। आम आदमी पार्टी, संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर के भारत बंद के आह्वान का पुरजोर समर्थन करती है।'
आंध्र प्रदेश सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 27 सितंबर को बुलाए गए 'भारत बंद' को पूर्ण समर्थन देगी। यह घोषणा राज्य के सूचना एवं परिवहन मंत्री पर्नी वेंकटरमैया (नानी) ने शनिवार को की।इसके अलावा आंध्र सरकार ने विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों का भी समर्थन करने की बात कही है।उन्होंने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस सहित आंध्र प्रदेश सरकार किसानों और इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों की चिंताओं का समर्थन करेगी। वेंकटरमैया ने बताया कि राज्य सरकार ने 26 सितंबर की मध्यरात्रि से 27 सितंबर की दोपहर तक राज्य भर में आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों को रोकने का फैसला किया है।
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