नई दिल्ली: किसानों के भारत बंद का पूरे देश में आंशिक असर नजर आ रहा है। पंजाब के कुछ जिलों में किसानों ने रेल ट्रैक पर बैठकर रेल सेवा को प्रभावित किया तो इसके साथ ही सड़कों पर आंदोलनकारियों मे यातायात को प्रभाविकत करने की कोशिश की। दिल्ली के करीब गाजीपुर बार्डर पर सुबह को नजारा तनाव भरा था। लेकिन अभी वहां हालात सामान्य हैं।
इन सेवाओं पर असर
किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए इस भारत बंद की वजह से रेल और सड़क परिवहन प्रभावित हुआ है। जबकि कई जगहों पर बाजार भी बंद रहने के आसार हैं। केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने संपूर्ण ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है इसलिए अंदेशा है कि लोगों को जरूरी सामान की भी दिक्कत हो सकती है। संयुक्त किसान मोर्चे के नेता दर्शनपाल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि बंद के दौरान सब्जियों और दूध की आपूर्ति भी रोकी जाएगी। हालांकि पांच चुनावी राज्यों में यह बंद नहीं होगा।
किसान मोर्चा का बयान
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी करते हुए कहा है, ‘संपूर्ण भारत बंद के तहत सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे। सभी छोटे और बड़े मार्ग अवरुद्ध किए जाएंगे तथा ट्रेनों को रोका जाएगा। एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। भारत बंद का प्रभाव दिल्ली में भी दिखेगा। आंदोलकारी किसानों से अपील है कि वे बंद के दौरान शांति बनाए रखें और किसी भी गलत चर्चा या टकराव में शामिल न हों।' मोर्चे ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में भी बंद किया जाएगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने बंद से किया इंकार
देश में आठ करोड़ व्यापारियों के प्रतिनिधित्व का दावा करनेवाली ‘कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ ने कहा कि 26 मार्च को बाजार खुले रहेंगे क्योंकि वह ‘भारत बंद’ में शामिल नहीं है। संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘हम कल भारत बंद में शामिल नहीं हो रहे हैं। दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे। जारी गतिरोध का समाधान केवल वार्ता प्रक्रिया से किया जा सकता है। कृषि कानूनों में संशोधन पर चर्चा होनी चाहिए जो मौजूदा कृषि को लाभ योग्य बना सकते हैं।’
इन राज्यों में होगा सर्वाधिक असर
किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए इस बंद का सर्वाधिक असर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल सकता है जहां इस आंदोलन के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं। वहीं यूपी के कुछ हिस्सों में भी बंद का असर देखने को मिल सकता है। आपको बतादें कि दिल्ली में 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा के कुछ दिन बाद ही चक्का जाम की घोषणा की गई थी लेकिन बाद में उसे यूपी उत्तराखंड में वापस ले लिया गया था।
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