नई दिल्ली। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ऊर्फ रावण का कहना है कि 10 दिनों के अंदर पूरे देश में पांच हजार से ज्यादा शाहीन बाग होंगे। सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध में वो शाहीन बाग पहुंचे थे। यहां जानना जरूरी है कि पहले तीस हजारी कोर्ट ने उनके दिल्ली आने पर चार हफ्तों के लिए प्रतिबंध लगाया था। लेकिन उनकी गुहार के बाद जमानत की शर्तों को संशोधित करके दिल्ली आने की छूट दी।
चंद्रशेखर ऊर्फ रावण कहते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून काला कानून है। यह लोगों का धार्मिक आधार पर बंटवारा कर रहा है। वो उन सभी लोगों का तहेदिल से शुक्रिया करते हैं जो धरने में शामिल हुए हैं। यह सिर्फ राजनीतिक विरोध नहीं है, बल्कि देश की एकता और संविधान को बचाने की लड़ाई है। वो कहते हैं कि रिकॉर्ड तोड़ सर्द मौसम भी धरने में शामिल महिलाओं के हौसले को नहीं तोड़ पाई। वो कहते हैं कि जिस तरह केंद्र सरकार अपने एजेंडे को बढ़ा रही है वो उन विचारों को तिलांजलि देने की तरह है जो इस देश का आधार है। लेकिन वो उस ताकतवर सरकार से कहना चाहते हैं कि कोई भी ताकत अब इस मुहिम को नहीं रोक सकेगी।
भीम आर्मी के मुखिया की दिल्ली पुलिस ने दरियागंज हिंसा मामले में की थी। बीमारी के आधार पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उसे जमानत दी लेकिन दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। अदालत के फैसले के खिलाफ उसने अपील की और संशोधित जमानत आदेश जारी किया गया। उस आदेश के मुताबिक उसे दिल्ली आने की छूट है लेकिन डीसीपी को पहले से जानकारी देनी होगी। इसके अतिरिक्त हर शनिवार को सहारनपुर के फतेहपुर पुलिस स्टेशन में भी हाजिरी देनी होगी।
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