महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक सदा सर्वंकर ने आरोप लगाया कि बीएमसी वार्ड परिसीमन भ्रष्टाचार करके और रिश्वत देकर शुरू किया गया था, सीएम शिंदे ने कहा, हम इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो से करा रहे हैं, शिंदे खेमे के विधायक सदा सर्वंकर ने एमवीए (MVA) शासन के दौरान बीएमसी चुनावों में 227 वार्डों से 236 के गठन में कथित भ्रष्टाचार में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti corruption bureau) से जांच की मांग की।
जिसके बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में वार्ड परिसीमन की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जांच के आदेश दिए। साथ ही, शिंदे-फडणवीस सरकार ने आज विधानसभा में 227 वार्डों को बीएमसी में बनाए रखने के संबंध में विधेयक पारित किया।
जबकि इस फैसले को उलटने पर आपत्ति जताते हुए उद्धव खेमे की याचिका पर SC में सुनवाई होनी बाकी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग को राज्य में स्थानीय निकायों की चुनाव प्रक्रिया के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है और अंतिम निपटान के लिए एक अलग विशेष पीठ का गठन किया जाएगा, जिसमें न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला शामिल होंगे।
शीर्ष अदालत महाराष्ट्र सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पहले के आदेश को वापस लेने की मांग की गई है। आदेश में राज्य चुनाव आयोग को 367 स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने के लिए चुनाव प्रक्रिया को फिर से अधिसूचित नहीं करने का निर्देश दिया गया था।पीठ ने कहा, 'मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। इसके मद्देनजर हम पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश देते हैं। मामले को पांच सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें।'
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