Yogi Adityanath : हेटस्पीच मामले में CM योगी को बड़ी राहत, SC ने खारिज की अर्जी, कोर्ट ने कहा-केस नहीं चला सकते

Yogi Adityanath news: साल 2007 के हेटस्पीच मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि इस मामले में सीएम योगी पर केस नहीं चलाया जा सकता।

Big relief to CM Yogi SC dismisses petition in 2007 gorakhpur hate speech case
हेटस्पीच मामले में CM योगी को बड़ी राहत,SC ने खारिज की अर्जी।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • 2007 के हेटस्पीच मामले में योगी आदित्यनाथ को मिली बड़ी राहत
  • सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा चलाने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी
  • कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि योगी के खिलाफ केस नहीं चलाया जा सकता

Yogi Adityanath : साल 2007 के हेटस्पीच मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि इस मामले में सीएम योगी पर केस नहीं चलाया जा सकता। कोर्ट ने मुकदमा चलाने की मांग करने वाली अर्जी खारिज कर दी। इससे पहले इस मामले की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण एवं जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। परवेज परवाज नाम के व्यक्ति ने अपनी अर्जी में सीएम योगी के खिलाफ मुकदमा चलाने जाने की मांग की थी।  

2007 में गोरखपुर में हिंदू युवक की हत्या हुई
बता दें कि साल 2007 में मुहर्रम के दौरान गोरखपुर में राज कुमार अग्रहरि नाम के युवक की हत्या हो गई। अग्रहरि की जिस समय हत्या हुई उस समय योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद थे। हत्या की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी के आदेश का उल्लंघन करते हुए योगी घटनास्थल पर गए। आरोप है कि घटनास्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने भकड़ाऊ भाषण दिया और लोगों को हिंसा करने के लिए उकसाया। 

शांति भंग करने के आरोप में योगी की हुई गिरफ्तारी
इस हेटस्पीच मामले में स्थानीय पुलिस ने योगी आदित्यनाथ एवं अन्य लोगों की गिरफ्तारी की। उन पर शांति भंग का आरोप लगा। योगी की गिरफ्तारी पर गोरखपुर में अशांति फैल गई और सांप्रदायिक झड़पें होनी शुरू हो गईं। इस मामले में करीब 15 दिन बाद सांसद योगी की रिहाई हुई। साल 2008 में परवेज परवाज नाम ने गोरखपुर के छावनी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई। उसने योगी एवं अन्य पर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की थी। 

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