पटना : किसी देश का प्रशासनिक अमला भी बाहुबलियों की तरह बर्ताव करने लगे तो सरकार के अच्छे प्रयासों पर पानी फिर जाता है। बिहार में एक ऐसी ही घटना सामने आई है जहां कृषि विभाग का एक अधिकारी दबंगई करता दिखा है। एक चेक प्वाइंट पर तैनात होम गार्ड ने अधिकारी को रोक कर उनसे लॉकडाउन का पास दिखाने के लिए कहा जिस पर अधिकारी नाराज हो गए।
यह घटना अररिया जिले की है। खुद को रोके जाने से नाराज हुए अधिकारी ने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करते हुए होम गार्ड से उठक-बैठक लगवाई। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। वीडियो में कृषि अधिकारी ने होम गार्ड को जेल भेजे जाने की धमकी भी दी। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस घटना पर टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि इससे पता चलता है कि सत्ता के करीबी लोग खुद को कानून से ऊपर समझते हैं। उन्होंने कहा, 'डीजीपी को इसका जवाब देना चाहिए। सरकार के ही आदमी पुलिस का मनोबल तोड़ रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।'
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सोमवार को कहा कि 'गृह मंत्रालय ने राज्य में कुछ सेवाओं एवं गतिविधियों के शुरू करने की इजाजत दी है। ऐसे में इन सेवाओं से जुड़े लोगों को बाहर निकलता देख आम आदमी यदि यह सोचता है कि लॉकडाउन में ढील दी गई है तो उसकी यह सोच गलत है। आम लोगों को अपने घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई है।'
डीजीपी ने कहा कि फिर भी यदि कोई अपने घर से बाहर निकलेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कोविड-19 के अब तक 113 मामले सामने आए हैं जबकि इस महामारी से दो लोगों की मौत हुई है जबकि उपचार के बाद 42 लोगों को ठीक किया गया है।
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