बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सूबे में प्राइमरी टीचरों की कमी का मुद्दा उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर तीखा जुबानी वार करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि बिहार में शिक्षकों की कमी, हताश अभ्यर्थी और बेरहम सरकार है।
उनके इस ट्वीट के मुताबिक, "बिहार में बहार है। यहां शिक्षकों की कमी और चूहों की भरमार है। यही वो सुशासन की सरकार है, जहां हताश अभ्यर्थी और बेरहम सरकार है।"
तेज के इस पोस्ट पर अन्य टि्वटर यूजर्स ने भी कमेंट्स किए। @MdAFTAB92805838 अकाउंट से सवाल उठाया गया, "नोटिफिकेशन जल्द जारी करिए। चुनाव वक्त पर क्यों हो जाता है? उसी तरह टीचर की बहाली भी टाइम पर हो। समय पर काम क्यों नहीं होता है?" twit_for_today नाम के हैंडल से कहा गया, "बिहार तब बदलेगा जब यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षक आएंगे।" @dksingh49 नाम के यूजर ने कहा- बिहार में बहार है और तथाकथित रिश्तेदार घोटालेबाज हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य में अगस्त के पहले हफ्ते से 1.65 लाख शिक्षकों की भर्ती चालू की जाएगी। यह टीचर रीक्रूटमेंट का सातवां चरण होगा। कहा जा रहा है जुलाई के अंत तक शिक्षा विभाग इस बाबत शेड्यूल जारी करेगा।
बिहार में एलिमेंट्री टीचर्स के खाली पदों से जुड़ा शेड्यूल जहां जारी किया जा चुका है, वहीं सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री टीचरों के 40 हजार पदों के लिए अगस्त में जारी किया जाना बाकी है। शिक्षा विभाग को अनुमान है कि 72 हजार एलिमेंट्री स्कूलों में एक लाख 25 हजार पद खाली हैं, जबकि 9360 सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री स्कूलों में करीब 40000 पोस्ट रिक्त हैं।
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