बिहार विधानसभा में इस बिल पर बरपा खूब हंगामा, विधायकों के साथ मारपीट हुई, घसीटा गया

देश
लव रघुवंशी
Updated Mar 23, 2021 | 22:37 IST

Bihar Special Armed Police Bill: बिहार विधानसभा में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 को लेकर जमकर हंगामा हुआ। सदन के बाहर सड़क पर भी हंगामा देखने को मिला।

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विपक्षी विधायकों के साथ सलूक 

नई दिल्ली: बिहार में एक विधेयक को लेकर सदन से लेकर सड़क तक खूब हंगामा हुआ। यहां तक कि विधायकों के साथ मारपीट की गई और उन्हें विधानसभा से बाहर तक फेंक दिया गया। दरअसल, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 विधानसभा में पेश किया गया, इसे लेकर विपक्ष ने विरोध करना शुरू कर दिया। ये बिल पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देता है, जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है। 

सदन और सदन के बाहर सड़क पर किस तरह का हंगामा हुआ है इसके कई वीडियो सामने आए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायकों ने सुरक्षाकर्मियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके साथ हिंसा की गई।  विधायक सत्येंद्र कुमार ने कहा कि SP ने मेरी छाती पर पैर रखकर मारा। 

 

अंग्रेजों का कानून लागू किया: तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने कहा, 'ये कार्रवाई CM द्वारा की गई। नीतीश कुमार समाजवादी के नाम पर कलंक है। जो कानून अंग्रेजों ने लागू किया था, वहीं कानून आज नीतीश कुमार ने लागू किया है। यह क्या कानून है? पुलिस के पास बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार पहले से है। CM किसे बेवकूफ बना रहे है? हम बोलना चाहते थे लेकिन हमें पीटा गया। इस कानून का मतलब है कि तलाशी वारंट के बिना की जा सकेगी और कोई भी पुलिसकर्मी गिरफ्तार कर सकता है अगर वह मानता है कि कुछ गलत है। अदालतों और मजिस्ट्रेट का कोई उपयोग नहीं।' 

कई वीडियो आए सामने

एक वीडियो सामने आया जिसमें महिला सुरक्षाकर्मी महिला विधायकों को सदन से घसीटती हुईं बाहर ला रही हैं। महिला विधायकों पर आरोप लगा कि वो विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को उनके कक्ष से बाहर नहीं आने दे रही थीं। एक और वीडियो आया जिसमें देखा गया कि आरजेडी विधायक सतीश कुमार को स्ट्रेचर पर ले जाकर एंबुलेंस में लाया गया। उन्होंने कहा कि देखों एक चुने हुए प्रतिनिधि के साथ क्या हो रहा है। 

ये है विधेयक

वहीं स्पीकर के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई। स्थिति से निपटने में मार्शल को समस्या होने के बारे में पता चलने पर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा विधानसभा परिसर पहुंचे। गौरतलब है कि यह विधेयक पिछले हफ्ते विधानसभा में पेश किया गया था। यह बिहार मिलिट्री पुलिस का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है, उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है और कथित तौर पर बगैर वारंट के लोगों को गिरफ्तार करने का उसे अधिकार देता है।

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