पटना : नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ देशभर में जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद ने अपने समर्थकों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वे मायूस न हों, बीमार होने के बावजूद उनमें दमखम बाकी है और वह विरोधियों का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
लालू ने शायराना अंदाज में उर्दू की कुछ पंक्तियां अपने टि्वटर हैंडल पर शेयर कर समर्थकों से हौसला नहीं खोने की अपील की। लालू चारा घोटाला मामले में जेल में बंद हैं, पर बीच-बीच में उनका ट्वीट आता रहता है, जो खूब सुर्खियां बटोरता है। बताया जाता है कि लालू के इस आधिकारिक ट्विटर हैंडल का संचालन संभवत: उनके करीबी सहयोगियों द्वारा किया जाता है।
आरजेडी नेता के इसी ट्विटर हैंडल से शुक्रवार को एक ट्वीट आया, जिसमें उन्होंने लिखा कि हजारों जख्म खाकर भी वह दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए डटे हुए हैं। अपने समर्थकों से मायूस न होने की अपील करते हुए उन्होंने लिखा, 'अभी आँखों की शमाएं जल रही हैं उसूल जिंदा है, आप लोग मायूस मत होना अभी बीमार ज़िंदा है, हजारों जख्म खाकर भी मैं दुश्मन के मुक़ाबिल हूँ, खुदा का शुक्र अब तक दिल-ए-खुद्दार जिंदा है।'
लालू के इस ट्वीट में एक पुराना वीडियो फुटेज भी है, जिसमें वह एक जनसभा में केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते नजर आ रहे हैं। इसमें वह सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कथित सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते सुने जा रहे हैं।
लालू के इस ट्वीट को बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) पर वार के तौर पर देखा जा रहा है, जिसने नागरिकता कानून में संशोधन के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किया, जबकि इस मुद्दे पर खुद जेडीयू में दो फाड़ नजर आ रहा है।
हालांकि लालू के इस ट्वीट के बाद जेडीयू ने भी उन पर हमला बोला है और उनके एक पुराने भाषण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने 1989 के भागलपुर दंगों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था।
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