नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष अपनी राग अलाप रहा है। राहुल गांधी कहते हैं कि यह कानून न केवल सिर्फ संविधान के मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। लेकिन बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उन्हें खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा कि किसी भी विषय पर विरोध करने की मनाही नहीं है। लेकिन यह समझना जरूरी है कि आप किस बात पर विरोध कर रहे हैं।
जे पी नड्डा ने कहा कि वो राहुल गांधी को इस बात की चुनौती देते हैं कि वो नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ी 10 लाइन पर बोल दें। सच ये है कि वो बिना कुछ जाने टिप्पणियां कर रहे हैं। यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। जो लोग नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं वो देश को कमजोर करने में जुटे हुए हैं।
इस विषय पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल कहते हैं कि सीएए पर पीएम नरेंद्र मोदी कुछ कहते हैं और उनके गृहमंत्री की राय कुछ और होती है। अमित शाह सीएए, एनपीआर और एनआरसी की क्रोनोलॉजी बताते हैं और नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि एनआरसी लागू होने वाला नहीं है, ऐसे में सवाल ये है कि किसकी बात सही है या कौन सच बोल रहा है।लगता है कि इन दोनों के बीच इस विषय पर मनमुटाव हो चुका है और पूरा देश पीस रहा है।
बता दें कि केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने पर विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरण मे कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस देश में कोई भी शख्स या सरकार संविधान और कानून से ऊपर नहीं है। यह बात पी विजयन सरकार को समझने की जरूरत है। विरोध करने का हक सबको है लेकिन प्रोपगैंडा के लिए मुखालफत नहीं की जा सकती है।
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