नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेता जुटे हुए हैं। गुरुवार को इन दलों के नेताओं की मुंबई में बैठक हुई और न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा हुई। तीनों दलो के नेताओं ने कहा कि मसौदा तैयार है और अंतिम फैसला पार्टी के अध्यक्षों को लेना है। इन सबके बीच एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच 17 नवंबर को मुलाकात भी होनी है। लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के बयान के बाद सियासत और तेज हो गई है।
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राज्य में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है और हमारे पास 119 विधायकों का समर्थन है। ऐसी सूरत में सरकार सिर्फ और सिर्फ बीजेपी बना सकती है। देवेंद्र फडणवीस भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी बात रख चुके हैं। हमारी कोशिश है कि बीजेपी राज्य में स्थाई सरकार दे सके। बीजेपी के बिना किसी और दल द्वारा स्थाई सरकार की बात करना कोरी कल्पना है और वो जमीन पर साकार भी नहीं होगी।
जानकारों का कहना है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं को भी लगता है कि सरकार गठन के मुद्दे पर अब और देरी नहीं करनी चाहिए। अगर यूं ही देरी होती रही तो बीजेपी विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकती है। इस तरह के हालात से बचने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर भेज दिया था, हालांकि वो मुंबई लौट चुके हैं और इसके साथ ही शिवसेना ने भी अपने विधायकों को मुंबई के रिट्रीट होटल में ठहराया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जहां तक महाराष्ट्र में सरकार बनाने की बात है तो इस के बारे में कांग्रेस अकेले फैसला नहीं कर सकती है। इस संबंध में शरद पवार को भी निर्णय लेना है। इस संबंध में पवार की सोनिया गांधी की मुलाकात भी होनी है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच सीएमपी को लेकर बैठक हुई थी। तीनों दलों के नेताओं ने कहा था कि अब इस संबंध में औपचारिक फैसला संबंधित दलों के आलाकमान करेंगे।
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