नई दिल्ली: सिंगर केके की मौत पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए एक राजनीतिक विवाद छेड़ दिया है। उन्होंने केके के संगीत कार्यक्रम के दौरान "पूरी तरह से अराजकता" के लिए कोलकाता प्रशासन को दोषी ठहराया। शो से लौटने के तुरंत बाद लोकप्रिय गायक का कोलकाता के ग्रैंड होटल में निधन हो गया। शो के दौरान उन्होंने गर्मी की शिकायत की थी।
सभागार (auditorium) क्षमता के अनुरूप खचाखच भरा हुआ था। लोग अपने पसंदीदा गायक की एक झलक पाने के लिए सभागार में और उसके आसपास भारी संख्या में मौजूद थे।कॉन्सर्ट में शामिल हुए एक प्रशंसक ने कहा कि भारी भीड़ थी। "सभागार की क्षमता 2,500-3,000 थी। लेकिन उपस्थिति लगभग दोगुनी थी।" ऐसा दावा किया जा रहा है।
दिलीप घोष ने कहा कि जिस तरह से केके का शो किया गया था वो सही नहीं है उसकी जांच होनी चाहिए, उन्होंने बंगाल सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि हॉल में इतनी भीड़ कैसे आ गई जबकि उसकी क्षमता इतनी नहीं थी, वहीं एसी भी बंद थी जिससे घुटन वाला वातावरण वहां बन गया जिसकी वजह से केके की तबीयत बिगड़ी।
केके का मंगलवार रात 53 साल की उम्र में दक्षिण कोलकाता के नजरूल मंच में अपने आखिरी शो में प्रदर्शन करने के बाद निधन हो गया। कार्यक्रम के अनुसार शो पूरा करने के बाद, वह मध्य कोलकाता में अपने होटल लौट आए थे। इसके बाद उन्हें फिर से बेचैनी महसूस होने लगी। उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों और शो के आयोजकों के अनुसार, गायक को कार्यक्रम के दौरान भी बेचैनी हो रही थी। आयोजकों में से एक ने कहा कि वह लगातार स्पॉटलाइट बंद करने का अनुरोध कर रहे थे और अंतराल पर वह आराम करने के लिए बैकस्टेज जा रहे थे। हालांकि, एक बार भी उन्होंने बीच में शो छोड़ने की इच्छा व्यक्त नहीं की।
केके के मैनेजर रितेश भट ने कहा कि शो पूरा करने के बाद जैसे ही वह अपनी कार में चढ़े, उन्होंने हल्की बेचैनी की शिकायत की। भट ने मीडियाकर्मियों से कहा कि केके ने कहा कि उनके पैरों में ऐंठन महसूस हो रही है। उन्होंने मुझे कार का एसी बंद करने के लिए भी कहा। इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसके शव को दो कारणों से पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पहला यह है कि उन्हें अस्पताल में मृत लाया गया था, इसलिए नियम के अनुसार, मृत्यु का कारण का पता लगाने के लिए शरीर का पोस्टमॉर्टम किया जाना चाहिए। दूसरा कारण है- उनके चेहरे और हाथ पर चोट के कुछ स्पष्ट निशान हैं।
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