अजान, हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर के मुद्दे पर एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे चर्चा के केंद्र में हैं। वो महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम देते हैं। लेकिन उन्हें भी अल्टीमेटम मिला है। राज ठाकरे पांच जून को अयोध्या जाने वाले हैं। लेकिन उनकी यात्रा मुश्किलों में पड़ सकती है। दरअसल बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने साफ कर दिया है कि अगर उत्तर भारतीयों से राज ठाकरे ने माफी नहीं मांगी तो उन्हें अयोध्या में घुसने नहीं दिया जाएगा।
तब तक योगी आदित्यनाथ जी को नहीं मिलना चाहिए
जब तक राज ठाकरे सार्वजनिक रूप से उत्तर भारतीयों से माफ़ी नहीं मांग लेते मेरा आग्रह है तब तक मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को राज ठाकरे से नहीं मिलना चाहिए।राम मंदिर आन्दोलन से लेकर मंदिर निर्माण तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद और आमजन की ही भूमिका रही है ठाकरे परिवार का इससे कोई लेना देना नहीं है।
एमएनएस के निशाने पर रहे हैं उत्तर भारतीय
अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी एमपी ने सीधे तौर पर चेतावनी दी। दरअसल जब शिवसेना में राजनीतिक हैसियत को लेकर संग्राम छिड़ा और राज ठाकरे को लगने लगा कि अब उनका करियर सुरक्षित नहीं है या आगे की राजनीतिक राह मुश्किल हो जाएगी तो उन्होंने अलग रास्ता चुना। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नाम की पार्टी बनाई और उसे उसी आधार पर बढ़ाना शुरू किया जिस तरह से शिवसेना बढ़ी थी। राज ठाकरे ऐलान करने लगे कि महाराष्ट्र के विकास में उत्तर भारतीय बाधक हैं, उन्होंने नौकरियों पर कब्जा कर लिया है। उनकी वजह से स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है। उनका विरोध इतना उग्र हुआ कि महाराष्ट्र के अलग अलग हिस्सों में हिंसा के रूप में सामने भी आया। उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया गया।लेकिन बीतते समय के साथ साथ राजनीतिक तौर पर उसका फायदा नहीं मिला और एक तरह से वो हासिए पर चले गए। अब जब उन्होंने अयोध्या जाकर राम लला के दर्शन की बात कही तो बीजेपी सांसद ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ हुए अत्याचारों की याद दिला दी।
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