BMC ने कहा- कोरोना से मारे गए लोगों का धर्म कोई भी हो, उनका शवदाह किया जाएगा

COVID-19 patients Bodies: बीएमसी का कहना है कि कोरोना वायरस से मौत पर दाह-संस्कार किया जाना चाहिए।

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सांकेतिक फोटो  |  तस्वीर साभार: Getty Images
मुख्य बातें
  • बीएमसी ने कहा-कोविड-19 से मारे गए लोगों का शवदाह किया जाएगा
  • अंतिम संस्कार में 5 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे
  • मुंबई महानगर क्षेत्र में कोरोना के 47 और मामले

मुंबई: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देशभर में अब तक एक हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं जबकि 29 लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं। यहां कोरोना संक्रमी मरीजों की संख्या 200 से अधिक है। इस खतरनाक वायरस की वजह से राज्य में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना संक्रमण से मौत होने पर अंतिम संस्कार को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है। इस बीच बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कहा है कि कोरोना से मौत पर सिर्फ दाह-संस्कार किया जाना चाहिए।

'अंतिम संस्कार में 5 से अधिक लोग शामिल न हों'

एएनआई के मुताबिक, बीएमसी के कमिशनर प्रवीण परदेशी ने कहा, 'कोविड-19 मरीजों के शवों का चाहे वो किसी भी धर्म के हों, उनका दाह-संस्कार किया जाना चाहिए। दफनाने की अनुमति नहीं होगी। अंतिम संस्कार में 5 से अधिक लोग शामिल नहीं होने चाहिए।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर कोई शव दफनाने के लिए जोर देता है तो उन्हें केवल तभी अनुमति दी जाएगी जब शव को मुंबई शहर के अधिकार क्षेत्र से बाहर ले जाया जाएगा।' बता दें कि मुंबई महानगर क्षेत्र में कोरोना के 47 और पुष्ट मामलों के साथ संक्रमित लोगों की संख्या 170 हो गई है।

वर्ली के दो इलाके सील

कोरोना वायरस के मद्देनजर मुंबई के वर्ली इलाके में दो कॉलोनियों को सील कर दिया गया और संक्रमण मुक्त बनाने के लिए छिड़काव अभियान चलाया गया। सील की गई कॉलोनी कोलिवाडा और जनता कॉलोनी हैं। कोलिवाडा में अधिकतर मछुआरा समुदाय के लोग रहते हैं और जनता कॉलोनी बहुत घनी आबादी वाला क्षेत्र है। पुलिस इलाके से लोगों को कहीं आने-जाने की अनुमति नहीं दे रही है। 

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