नई दिल्ली : चीन की कथनी-करनी में फिर अंतर सामने आया है। चीन का विदेश मंत्रालय सीमा पर तनाव कम करने की बात करता है लेकिन उसकी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कुचक्र एवं साजिश रचने से बाज नहीं आ रही। रिपोर्टों की मानें तो चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास मौजूद अपने सेना के लॉजिस्टिक सपोर्ट एवं हथियारों को तेजी से उन्नत करने में जुटा है।
'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट में चीन की सरकारी मीडिया के हवाले से कहा गया है कि भारत के साथ लगने वाली एलएसी पर तैनात पीएलए की पश्चिमी कमान अपने सैनिकों के लिए स्थायी बंकरों का निर्माण करने के साथ-साथ उनके लिए सर्दी के कपड़ों को उन्नत कर रही है और उन्हें ज्यादा सटीकता से मार करने वाले नए हथियार उपलब्ध करा रही है। पीएलए की पश्चिमी कमान ही भारत से लगने वाली सीमा की निगरानी करती है।
चीन की सेना की यह ताजा कार्रवाई सीमा पर तनाव बातचीत से कम करने के उसके दावे पर सवाल खड़ा करती है। जाहिर है कि चीन की सेना लंबे समय तक एलएसी पर बने रहने के तैयारी में है और वह सर्दियों को देखते हुए अपनी तैयारी एवं स्थिति मजबूत करने में जुटी है। भारत ने सीमा पर चीनी सेना के इस जमावड़े का हमेशा विरोध किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में कहा कि एलएसी पर चीनी सैनिकों के जमावड़े से 'गंभीर सुरक्षा चुनौती' बनी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सेना अपने सैनिकों को हल्के और ज्यादा सटीकता से मार करने वाले नए हथियार उपलब्ध करा रही है। एलएसी के पास पीएलए की बड़ी संख्या में ऑर्टिलरी गन भी मौजूद हैं। एलएसी पर पीएलए की तैयारी पर यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन अगले सप्ताह कमांडर स्तर पर आठवें दौर की बातचीत की तैयारी कर रहे हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में पीएलए की तिब्बत सैन्य कमान ने कहा कि वह अपने सैनिकों खासकर स्पेशल ऑपरेशन के जवानों को 30 बुलेट मैगजीन की क्षमता वाली नई क्यूबीयू-19 राइफल देगी। यह नई राइफल क्यूबीयू-88 की की जगह लेगी।
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