BPSC paper leak case : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने मामले में नया खुलासा हुआ है। परीक्षा देने आए छात्रों ने एक वीडियो वायरल कर दावा किया है कि आरा के एक परीक्षा केंद्र पर तय समय से पहले कुछ छात्रों को एक प्राइवेट कमरे में बिठाकर परीक्षा दिलवाई जा रही थी। छात्रों का दावा है कि कुछ खास छात्रों को आधा घंटे पहले ही पेपर दे दिया गया था और उन्हें नकल कराई जा रही थी। बता दें कि पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई है। विभिन्न टेलीग्राम ग्रुप पर परीक्षा से कुछ मिनट पहले प्रश्न पत्र वायरल किए गए थे। प्रश्न पत्र लीक होने पर अलग-अलग जगहों से परीक्षा देने आए छात्रों ने खूब हंगामा किया।
तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर बोला हमला
वहीं, BPSC का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद से नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। विपक्ष उन पर सवाल खड़े कर रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब 'बिहार लोक पेपर लीक आयोग' कर देना चाहिए।
समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी
वहीं, प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच के लिए BPSC के चेयरमैन आरके महाजन ने एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है। समिति को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है। हालांकि, कुछ घंटे बाद समिति ने कहा कि उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और परीक्षा रद्द कर दी गई है। बीपीएससी ने कहा कि यह परीक्षा राज्य भर में 1,083 केंद्रों पर कराई गई। बिहार की साइबर सेल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।
BPSC पेपर लीक के आरोप पर बवाल, बिहार के आरा में छात्रों ने किया हंगामा
छह लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया
इस प्रारंभिक परीक्षा के लिए छह लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इस परीक्षा के जरिए बिहार सिविल सेवा के 802 पदों पर नियुक्तियां होनी हैं। प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी दूसरे दौर की परीक्षा के लिए पात्र होंगे। परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति डीएसपी, सब-डिवीजनल ऑफिसर, पंचायत विकास अधिकारी एवं राज्य राजस्व अधिकारी जैसे पदों पर होगी।
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