नई दिल्ली : किसान आंदोलन का मुद्दा बजट सत्र के दौरान गरमाया हुआ है। इसकी झलक रोजाना दोनों सदनों में देखने को मिल रही है। गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में सत्ता एवं विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन चर्चा कर रहा है। विपक्ष जहां तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर हमलावर है वहीं, केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद इन कानूनों का बचाव करते नजर आए। शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर बसपा के सांसद सतीश मिश्रा ने गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस की ओर से सड़क पर लगाए गए कील-काटों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था तो सरकार ने पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर भी नहीं की होगी।
'एक विशेष राज्य के किसानों को गलत जानकारी दी गई'
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है कि ये कानून यदि लागू हुए तो कोई और उनकी जमीन पर कब्जा कर लेगा। कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग लॉ में यदि एक भी ऐसा प्रावधान हो तो हमें बताइए। मैंने कहा है कि सरकार यदि संशोधन करने के लिए तैयार है तो यह मतलब नहीं है कि कृषि कानूनों में खामी हैं। एक विशेष राज्य के किसानों को गलत जानकारी दी गई है।
एमएसपी-मनरेगा पर बोले तोमर
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा का फंड लगातार बढ़ाया है। देश में जब कोरोना संकट आया तो हमने मनरेगा का फंड 61,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.115 लाल करोड़ रु. किया। इसके जरिए 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला। गरीब-समर्थक सरकार की योजनाओं से गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव आया है। हमने उत्पादन कीमत से 50 प्रतिशत ज्यादा एमएसपी देना शुरू किया है। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत एक लाख करोड़ कृषि क्षेत्र में दिए गए हैं। हमारी कोशिश है कि जरूरी निवेश कृषि क्षेत्र तक पहुंचे।
राज्यसभा में सतीश मिश्रा का सरकार पर हमला
सतीश मिश्रा ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर धरना स्थल के पास सड़क पर कील-कांटे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि पाकिस्तान की सीमा पर सरकार ने इस तरह के बंदोबस्त नहीं किए गए होंगे। अन्नदाताओं को देश का दुश्मन बताया जा रहा है। मेरी सरकार से मांग है कि वह अहंकार छोड़े और तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। आपने किसानों का आंदोलन दबाने के लिए गड्ढे खोदे हैं। ये गड्ढे आपने अपने लिए खोदे हैं। आपने पानी और बिजली की आपूर्ति रोक दी। धरना स्थल पर औरतें भी हैं, बिना यह सोचे आपने शौचालय हटा दिए। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है।'
किसानों से बात करें पीएम-शिअद
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सांसद सरदार सुखदेव सिंह ढिंडसा ने कहा, 'कृषि राज्य का विषय है लेकिन यहां सरकार ने कानून बनाए हैं जिन्हें कोई पसंद नहीं कर रहा। किसानों के साथ बातचीत के बाद कानून लाया जाना चाहिए था। मेरी प्रधानमंत्री जी से गुजारिश है कि वे किसानों की बात सुनें। ऐसा होने पर ही कोई रास्ता निकल सकता है। सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों की भलाई के लिए हैं लेकिन किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा के लिए जो जिम्ममेदार हैं वे पकड़े से बाहर हैं और इसका दोष किसानों के सिर पर मढा जा रहा है।'
भाजपा ने ह्विप जारी किया
भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के अपने सभी सांसदों को आठ से 12 फरवरी के बीच उपस्थित होने के लिए तीन लाइन का ह्विप जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ फरवरी को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं।
राउत ने पूछा-दीप सिद्धू कहां है?
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ' जिस तरह से किसानों के आंदोलन की छवि खराब की जा रही है, वह देश के लिए ठीक नहीं है। तिरंगे के अपमान से पूरा देश दुखी है। सरकार गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रदर्शनकारियों को नहीं पकड़ रही है। दीप सिद्धू कहा हैं? उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है लेकिन 200 से अधिक किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार का विरोध करने वाले लोगों को देश-विरोधी बताया जा रहा है।'
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