नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र की शुक्रवार से शुरुआत हुई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस जैसे पावन पर्व के दिन तिरंगे का अपमान करने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पहले संसद भवन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताते हुए कहा कि यह बजट सत्र काफी उपयोगी होने वाला है। पीएम ने संसद सदस्यों से जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए चर्चा में भाग लेकर अपना योगदान देने की अपील की। आगामी बजट के बारे में संकेत देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार ने अलग-अलग पैकेज जारी किए हैं। एक फरवरी को पेश होने वाला बजट इसी दिशा में एक 'मिनी बजट' होगा।
राष्ट्रपति के अभिभाषण की मुख्य बातें
-पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।
-अपने सभी निर्णयों में मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है।
-बड़ी संख्या में मतदाताओं की भागीदारी ने दर्शाया है कि जम्म-कश्मीर नए लोकतांत्रिक भविष्य की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ चला है। विकास नीति को जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है।
-मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।
-मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में ये छोटे और सीमांत किसान भी हैं। ऐसे किसानों के छोटे-छोटे खर्च में सहयोग करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में लगभग 1,13,000 करोड़ से अधिक रुपए सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं। अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।
-कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने सही समय पर कदम उठाए। इससे लाखों नागरिकों का जीवन बचाने में सफलता मिली। आज कोरोना के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। लोग बड़ी संख्या में इस बीमारी से उबरे हैं। यह खुशी की बात है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है।
-कोरोना महामारी के बीच संसद का यह संयुक्त जरूरी था। यह नया साल और नया दशक है। हम आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी हो देश हमेशा एकजुट रहा है। कोरोना महामारी संकट के दौरान भी देश ने यही संदेश दिया। चुनौतियां भारत को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती।
इस बार पेश होगा 'मिनी बजट'
संसद में मीडिया से बात करते हुए पीएम ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि इस सत्र का भरपूर उपयोग और चर्चा में सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो। यहां उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त होनी चाहिए। हमें जिस आशा और अपेक्षा के साथ लोगों ने हम सभी को संसद में भेजा है, उसकी प्राप्ति की दिशा में हमें काम करना चाहिए। हम लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन रते हुए जन आकांक्षाओं को पूरा करने में अपने योगदान से पीछे नहीं हटेंगे। यह बजट का भी सत्र है। भारत में पहली बार हुआ कि 2020 में एक नहीं बल्कि अलग-अलग कई पैकेज के रूप में चार-पांच मिनी बजट देने पड़े। 2020 में एक प्रकार से मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। मुझे उम्मीद है कि यह बजट भी उन चार-पांच बजट की श्रृंखला में ही देखा जाएगा।'
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