भोपाल/लखनऊ/अहमदाबाद: मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों समेत 10 राज्यों में विधानसभा की 54 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में ये उपचुनाव शिवराज सिंह चौहान सरकार का भविष्य तय करेंगे। निर्वाचन आयोग द्वारा स्टार प्रचारकों की संख्या सीमित करने तथा लोगों के जुटने संबंधी सख्त दिशानिर्देश जारी किये जाने और कोविड-19 के साये में मंगलवार को होने जा रहे इन चुनावों के लिए प्रचार का चरण समाप्त हो चुका है जिसमें तमाम वादे आदि किए गए।
मध्यप्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में भाजपा ने 30 से ज्यादा सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व विधायकों को अपना उम्मीदवार बनाया है जिन्होंने इस्तीफा देकर भगवा पार्टी का दामन थाम लिया था।उत्तर प्रदेश विधानसभा में पर्याप्त बहुमत रखने वाली भाजपा सात सीटों पर यहां हो रहे उपचुनाव में प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रही है जबकि विपक्ष कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार पर निशाना साध रहा है।
प्रचार के दौरान ‘लव जिहाद’ का मुद्दा भी उठा और उप्र व हरियाणा सरकारों ने इसके खिलाफ कानून लाने की योजना की भी घोषणा की।गुजरात में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद आठ सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से पांच भाजपा के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।इसके अलावा छत्तीसगढ़ (एक सीट), हरियाणा (एक सीट), झारखंड (दो सीट), कर्नाटक (दो सीट), नगालैंड (दो सीट), ओडिशा (दो सीट) और तेलंगाना (एक सीट) में उपचुनाव हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे, जबकि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं अन्य पार्टी नेताओं ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने की लोगों से अपील की।कांग्रेसी नेताओं ने बागी विधायकों और सिंधिया पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘गद्दार’ करार दिया।
मध्य प्रदेश की 25 सीटों पर मौजूदा कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने की वजह से उपचुनाव हो रहे हैं। वे उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार हैं जबकि तीन अन्य सीटों पर मौजूदा विधायकों के निधन की वजह से उपचुनाव की आवश्यकता हुई।राज्य के इतिहास में यह पहला मौका है जब 230 सदस्यीय विधानसभा की 28 सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में प्रदेश के 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं।सत्ताधारी भाजपा के पास 107 विधायक हैं और उसे बहुमत के लिये नौ और सीटों की जरूरत है जबकि कांग्रेस के पास सदन में 87 विधायक हैं।
इस चुनाव प्रचार के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक रैली में प्रदेश की मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को ‘आइटम’ कहने के साथ-साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ‘माफिया और मिलावट खोर’ शब्दों का इस्तेमाल भी किया था। इस पर चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन को लेकर कमलनाथ का ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा शुक्रवार को रद्द भी किया था।वहीं खुद इमरती देवी को भी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन उनकी बातों पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने प्रचार करने से रोक दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार हालांकि, इन सीटों पर मायावती के नेतृत्व वाली बसपा एवं कुछ अन्य छोटे राजनीतिक दलों के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं, लेकिन अधिकांश सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस एवं भाजपा के बीच ही होने की उम्मीद है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की दो-तीन सीटों पर भाजपा, कांग्रेस एवं बसपा के बीच त्रिकोंणीय मुकाबला हो सकता है।उत्तर प्रदेश में भी सातों सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है, जिनमें से पहले छह सीटें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एक सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के पास रही है।प्रदेश सरकार को कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है खासकर हाथरस और बलरामपुर दुष्कर्म व हत्या मामलों को लेकर।
उपचुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिये कानून लेकर आएगी।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए दावा किया कि जनता ने भाजपा सरकार को सबक सिखाने की ठान ली है और उपचुनाव में इसका असर दिखेगा।उन्होंने कहा कि भाजपा के पतन की शुरुआत इस उपचुनाव से ही होगी और कांग्रेस जीतेगी।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी मतदाताओं से उनकी पार्टी के लिये मतदान करने और विरोधियों को राजनीतिक संदेश देने का अनुरोध किया।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बरोदा विधानसभा क्षेत्र में संयुक्त जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से भाजपा-जजपा उम्मीदवार योगेश्वर दत्त को जिताने की अपील की।गुजरात में सत्ताधारी भाजपा और विरोधी दल कांग्रेस उपचुनाव में एक दूसरे का सूपड़ा साफ करने के दावे कर रही हैं।कर्नाटक में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने घोषणा की कि आर आर नगर से भाजपा उम्मीदवार मुनिरत्ना को “जीतने के बाद जल्द ही” मंत्री बनाया जाएगा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने इस घोषणा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया।आर आर नगर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जद(एस) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।मुनिरत्ना कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। पिछले साल उनके विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है।प्रदेश के तुमकुरु जिले की सीरा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हो रहे हैं।झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह क्षेत्र दुमका में उनके छोटे भाई बसंत सोरेन पूर्व मंत्री और भाजपा उम्मीदवार लुईस मरांडी के खिलाफ मैदान में हैं। वहीं बोकारो जिले की बेड़मो सीट पर भाजपा के योगेश्वर महतो और कांग्रेस के अनूप सिंह के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है।
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