नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को पहुंचे नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से कराने की योगी सरकार की पहल का अनुसरण रेलवे ने भी कर लिया है। रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) ने पश्चिम बंगाल, असम, बिहार में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उपद्रव में कथित रूप से शामिल 21 लोगों की पहचान करने के साथ उन्हें गिरफ्तार किया है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन 21 लोगों से 87.99 करोड़ रुपए की रिकवरी की जाएगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक गवर्नमेंट रेलवे पुलिस ने 27 केस दर्ज किए हैं। रेलवे पुलिस ने पश्चिम बंगाल, असम, बिहार में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने, आगजनी एवं हिंसा करने के 54 मामले दर्ज किए हैं। पीटीआई के मुताबिक आरपीएफ के शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया जबकि कुछ लोगों के बारे में जानकारी और उनकी पहचान वीडियो फुटेज से हुई है। उपद्रवियों की पहचान के लिए वीडियो खंगाले जा रहे हैं। गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़ सकती है।'
अधिकारी ने कहा, 'गिरफ्तार लोगों में ज्यादातर व्यक्ति पश्चिम बंगाल के हैं। इन लोगों से रिकवरी हासिल करने के लिए वाणिज्य विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया जाएगा।' बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद में पारित हो जाने के बाद पश्चिम बंगाल सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आगजनी की और रेल की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
पश्चिम बंगाल में उपद्रवियों ने संकरेल रेलवे स्टेशन पर टिकट काउंटर के एक हिस्से को आग के हवाले कर दिया जबकि सुजनीपारा रेलवे स्टेशन पर उपद्रव किया। लालगोला के समीप कृष्णपुर रेलवे स्टेशन पर खड़ी कई गाड़ियों में भी आगजनी की गई। मालदा जिले के समीप हरीशचंद्रपुर स्टेशन पर हंगामा एवं उपद्रव हुआ।
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