कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में विधानससभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में शुक्रवार को आदेश पारित किया। कोर्ट ने पुलिस को सभी हिंसा पीड़ितों की शिकायतें दर्ज करने का निर्देश दिया है। साथ ही उसने राज्य सरकार को सभी हिंसा पीड़ितों का इलाज सुनिश्चित करने और उन्हें राशन मुहैय्या करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच की समय सीमा 13 जुलाई तक बढ़ा दी है। चुनाव बाद हिंसा पर कोर्ट अब 13 जुलाई को सुनवाई करेगा।
अभिजीत सरकार की होगी दूसरी अटॉप्सी
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की दूसरी अटॉप्सी कमांड अस्पताल में करने का आदेश दिया। साथही अदालत ने जाधवपुर के जिलाधिकारी, पुलिस प्रमुख एवं एसपी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को चुनाव बाद हिंसा से जुड़े सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
NHRC ने कोर्ट को सौंपी है अंतरिम रिपोर्ट
कलकत्ता हाई कोर्ट ने चुनाव बाद राज्य में हुई हिंसा एवं मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक समिति बनाई है। इस समिति ने अपनी एक जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है। हालांकि, एनएचआरसी की यह रिपोर्ट अंतिम नहीं है।
चुनाव नतीजे आने के बाद बंगाल में शुरू हुई हिंसा
बंगाल विधानसभा के चुनाव नतीजे 2 मई को आए थे। इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को प्रचंड जीत मिली। चुनाव नतीजे आने के बाद राज्य में राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू हो गया। भाजपा का आरोप है कि टीएमसी नेताओं के नेतृत्व में उसके कार्यकर्ताओं एवं कार्यलयों पर हमले हुए। हिंसा प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में लोग विस्थापन हुए हैं। टीएमसी ने भी भाजपा पर अपने कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।