कोलकाता: ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने झटका देते हुए दुर्गा पूजा (Durga Puja) कार्यक्रमों में जुटने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने संबधी आदेश दिया है, इसके मुताबिक आयोजकों सहित केवल 25 लोगों को ही पंडाल में जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कोरोना जैसी घातक बीमारी के प्रकोप के बीच राज्य सरकार की भीड़ को नियंत्रित करने की कोई फुलप्रूफ योजना नहीं है ऐसे में कोर्ट को ये कदम उठाना पड़ा है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सभी पूजा पंडालों को नो एंट्री जोन (No Entry Zone) घोषित किया वहीं छोटे पंडाल-पंडाल के चरम से परे 5 मीटर और बड़े पंडालों-पंडाल के चरम से 10 मीटर को नो एंट्री जोन घोषित किया गया है।
पंडाल में केवल आयोजक ही प्रवेश कर सकते हैं पंडाल में जाने वालों के नामों को पंडाल के बाहर लटका दिया जाना चाहिए और केवल जिनके नाम हैं, वे प्रवेश कर सकते हैं। मैक्सिमम 25 सदस्यों को पंडाल परिसर में अनुमति दी गई है, साथ ही कहा गया है कि जाने वाले लोगों की संख्या को फिक्स करना होगा और हर रोज बदल नहीं सकते। हाईकोर्ट इस बात से निराश कि राज्य उनके द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लागू करने की योजना के साथ नहीं आया है।
बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि यह निराशाजनक है कि राज्य दुर्गा पूजा के उपलक्ष्य में उनके द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लागू करने की योजना के साथ नहीं आया। विशेष रूप से, राज्य भर में लगभग 34,000 दुर्गा पूजा पंडालों का निर्माण किया जाता है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।