नई दिल्ली : लंबे समय से जिस तस्वीर का इंतजार था वह तस्वीर आखिर आ ही गई। शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चंडीगढ़ में मुलाकात हुई। पंजाब कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच यह अहम मुलाकात पंजाब भवन में हुई। इस मौके पर पंजाब के प्रभारी एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं प्रदेश कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद क्या सिद्धू और कैप्टन के बीच चला आ रहा गतिरोध क्या समाप्त हो जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
पंजाब में अगले साल होंगे विस चुनाव
पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों के लिए अगले साल चुनाव होंगे। कांग्रेस चाहती है कि उसके दोनों नेता मिलकर काम करें। दरअसल, यह मुलाकात इसलिए अहम है क्योंकि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह यह साफ कर चुके थे कि सिद्धू अपने ट्वीट के लिए जब तक उनसे माफी नहीं मागेंगे, वह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे लेकिन अंतिम समय में उन्होंने अपना विचार बदल लिया और आज की मुलाकात के लिए तैयार हुए।
दोनों नेताओं में चल रहा था टकराव
इससे पहले मुख्यमंत्री के सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा कि मीडिया की ये रिपोर्टें कि सिद्धू, कैप्टन से मुलाकात के लिए समय मांग रहे हैं, पूरी तरह से गलत हैं। जबकि कैप्टन खुद उनसे नहीं मिलना चाहते। सिद्धू और कैप्टन के बीच टकराव काफी पुरानी है। इसी टकराव के चलते नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह कैप्टन की नीतियों को लेकर उन पर हमला बोलते रहे।
कांग्रेस आलाकमान ने कराई सुलह
सिद्धू के पाकिस्तान में जाकर वहां के सेना प्रमुख के साथ उनकी मुलाकात पर कैप्टन ने सवाल उठाए थे। तब से दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग देखने को मिली। कैप्टन नहीं चाहते थे कि प्रदेश कांग्रेस में सिद्धू को अहम जिम्मेदारी दी जाए लेकिन पार्टी आलाकमान के दखल के बाद उन्होंने अपने सुर नरम किए। पार्टी में अहम एवं नई जिम्मेदारी मिलने पर सिद्धू उत्साहित हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर अपनी नियुक्ति होने पर उन्होंने कहा कि अभी तो उनकी यात्रा शुरू हुई। अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू प्रदेश कांग्रेस के नेताओं एवं विधायकों से मिल रहे हैं।
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