पुणे। बच्चे देश के भविष्य हैं। लेकिन अगर बच्चों की सेहत के साथ ही खिलवाड़ हो तो आप क्या कहेंगे। प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ ड्रापआउट रेट को कम करने के लिए मिड डे मील की व्यवस्था की गई। लेकिन पुणे में जो कुछ हुआ वो व्यवस्था को शर्मसार करने वाला है। बच्चों को मिड डे मील के नाम पर पशुओं का चारा दिया गया। जब इस मामले में बवाल बढ़ा तो पुणे नगर निगम की तरफ से सफाई आई।
मिड डे मील के नाम पर खिलवाड़
पुणे के सरकारी स्कूल में मिड डे मील की जगह बच्चों में पशुओं का चारा बांटा गया। जब इस विषय पर बवाल मचा तो पुणे नगर निगम की तरफ से जो सफाई आई वो शर्मसार करने वाली है। पुणे मेयर का कहना है कि स्कूल का संचालन राज्य सरकार करती है।मिड डे मील राज्य सरकार की तरफ से दिया जाता है उनका काम तो सिर्फ बच्चों में वितरण का है। यह दुर्भाग्यपूर्ण मामला है और जांच के आदेश दिए जाने की जरूरत है।
स्कूल संख्या 58 का मामला
पुणे नगर निगम के स्कूल संख्या 58 का यह मामला है। बच्चों के लिए जब मिड डे मील खाना मंगाया गया तो जानवरों का चारा पहुंचा दिया गया। इस तरह की जानकारी के बाद फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने चारे को जब्त कर लिया। मिड डे मील की योजना राज्य सरकार द्वारा संचालित है। कोविड की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं लिहाजा उनका खाना घर पर पहुंचाया जाता है। घर पर खाना पहुंचाने के लिए ही सामान मंगाया गया था।
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