नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक टीम ने बुधवार को अपने अधिकारी डीएसपी आरके ऋषि से जुड़े परिसरों में तलाशी ली। ये कथित रूप से बैंक धोखाधड़ी के आरोपियों से रिश्वत लेने में शामिल थे। सीबीआई अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के देवबंद में आरके ऋषि से जुड़े परिसरों में तलाशी ली। इससे पहले, सीबीआई ने उनके और डीएसपी सांगवान के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की थी। दो अन्य अधिकारियों को भी सीबीआई ने निलंबित कर दिया था। इन चारों के खिलाफ इन्हीं की जांच एजेंसी- सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित किया गया था।
कई जगहों पर छानबीन
गुरुवार से सीबीआई ने अपने स्वयं के मुख्यालय सहित कई स्थानों पर छानबीन की। गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो की एंटी करप्शन यूनिट ने बैंक धोखाधड़ी मामले के एक आरोपी से रिश्वत लेने के लिए आरोपी अधिकारियों से जुड़े परिसरों में तलाशी ली। गुरुवार को आरोपियों के ठिकानों पर दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव, मेरठ और कानपुर सहित 14 स्थानों पर तलाशी ली गई। मुख्यालय के अलावा, गाजियाबाद में सीबीआई अकादमी में भी छापेमारी की गई। सीबीआई अकादमी का उपयोग भविष्य के सीबीआई अधिकारियों के प्रशिक्षण और तैयारी के लिए किया जाता है।
ये है मामला
डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) रैंक के अधिकारी आरके ऋषि गाजियाबाद में सीबीआई अकादमी में तैनात थे। उनके अलावा एक अन्य डीएसपी आरके सांगवान, इंस्पेक्टर कपिल धनकड़ और स्टेनो समीर कुमार सिंह पर एक रैकेट चलाने का आरोप था। वे बैंक धोखाधड़ी के मामलों के आरोपियों से रिश्वत लेते थे और जांच में उनका पक्ष लेते थे। एफआईआर में लगाए गए आरोपों के अनुसार निरीक्षक धनखड़ ने सांगवान और ऋषि से रिश्वत के पैसे लिए, जो श्री श्याम पल्प एंड बोर्ड मिल्स के पक्ष का अनुरोध कर रहे थे, ये कंपनी 700 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में, और फ्रोस्ट इंटरनेशनल 3,600 करोड़ रुपएके बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं।
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