नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार रात करीब 8.45 बजे नई दिल्ली में नए संसद भवन के निर्माण स्थल पर गए। उन्होंने साइट पर लगभग एक घंटा बिताया और नए संसद भवन के निर्माण की स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है। बताया जाता है कि पीएम मोदी बिना किसी पूर्व जानकारी के अचानक निरीक्षण करने पहुंचे।
इसी साल 4 फरवरी को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का भूमि पूजन समारोह तत्कालीन केंद्रीय स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री हरदीप एस पुरी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इंडिया गेट पर किया था। इस समारोह के साथ सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के विकास/पुनर्विकास का काम शुरू हो गया।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक प्रेस बयान के अनुसार, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू नॉर्थ और साउथ ब्लॉक से इंडिया गेट तक शुरू होता है।
इसमें राजपथ, इसके आस-पास के लॉन और नहरें, पेड़ की कतारें, विजय चौक और इंडिया गेट प्लाजा शामिल हैं जो 3 किलोमीटर लंबा है। यह मूल रूप से ब्रिटिश राज के दौरान वायसराय हाउस के लिए एक भव्य जुलूस मार्ग के रूप में डिजाइन किया गया था।
यह स्वतंत्रता के समय भारत के लोगों और उनकी सरकार द्वारा विनियोजित किया गया था। सरकार ने 10 नवंबर 2020 को 608 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
हाल ही में पीएम मोदी ने रक्षा कार्यालय परिसर के उद्घाटन के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना के आलोचकों पर निशाना साधा। सेंट्रल विस्टा परियोजना की आलोचना करने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्होंने कभी उल्लेख नहीं किया कि डिफेंस कॉम्प्लैक्स भी परियोजना का एक हिस्सा हैं क्योंकि यह उनकी झूठ को उजागर करता। उन्होंने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचा देश के आर्थिक विकास के लिए प्रासंगिक है।
इसमें एक भव्य कॉन्स्टीट्यूशन हाल होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को संजोया जाएगा। इसके अलावा सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन के कक्ष और पार्किंग के लिए स्थान होगा। नई इमारत में लोकसभा में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी जबकि राज्यसभा में 384 सदस्य बैठ सकेंगे।
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