नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी के बीच इस घातक बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण का दूसरा चरण 1 मार्च से शुरू हो रहा है, जिसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 वर्ष से अधिक के उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जो पहले से किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे हैं। लोग अब सरकारी केंद्रों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी टीका लगवा सकेंगे।
सरकारी केंद्रों पर कोरोना वैक्सीनेशन जहां पूरी तरह नि:शुल्क होगा, वहीं निजी अस्पतालों में इसके लिए लोगों को कीमत अदा करनी पड़ेगी। हालांकि सरकार ने इसका अधिकतम मूल्य तय कर दिया है, जिससे आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस वैक्सीन के प्रति डोज के लिए अधिकतम मूल्य 250 रुपये तय कर दिया है, जिसमें 100 रुपये का सर्विस चार्ज भी होगा।
केंद्र सरकार की ओर से शनिवार को बताया गया कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 वैक्सीन का अधिकतम मूल्य 250 रुपये रहेगा, हालांकि सरकारी केंद्रों पर यह नि:शुल्क होगा। केंद्र सरकार के मुताबिक, बड़े पैमाने पर टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए निजी अस्पतालों को भी इस प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है। लगभग 10,000 निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत PMJAY के तहत जोड़ा गया है, जबकि 600 से अधिक अस्पतालों को CGHS के तहत जोड़ा गया है। वहीं अन्य निजी अस्पतालों को राज्य सरकारों के साथ संबद्ध किया गया है।
यहां उल्लेखनीय है कि देश में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हुआ था, जिसमें पहले चरण के तहत स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई। इसके तहत अब तक 1.37 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। वैक्सीनेशन का दूसरा चरण 1 मार्च से शुरू हो रहा है, जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से जूझ रहे 45 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
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