केंद्र का अहम फैसला, सिखों के हवाई अड्डों पर कृपाण पहनने पर रोक लगाने के आदेश में किया संशोधन

एक सिख यात्री कृपाण पहन सकता है बशर्ते उसके ब्लेड की लंबाई 15.24 सेमी (6 इंच) से अधिक न हो और कृपाण की कुल लंबाई 9 इंच से अधिक न हो। भारत के भीतर भारतीय विमानों में हवाई यात्रा करते समय इसकी अनुमति है।

Centre govt modifies order barring Sikh staff from wearing Kirpan at airports
केंद्र के संशोधन के बाद अब एयरपोर्ट्स पर कृपाण रख सकेंगे सिख 
मुख्य बातें
  • अब सिख भारतीय एयरपोर्ट पर साथ में रख सकते हैं कृपाण
  • केंद्र ने रोक लगाने के आदेश में किया संशोधन
  • बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट कर दी जानकारी

नई दिल्ली: भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को पीएम मोदी और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सिख कर्मचारियों को हवाई अड्डों पर कृपाण करने से प्रतिबंधित करने के हालिया आदेश को संशोधित किया है।  मनजिंदर सिंह ने ट्वीट कर बताया कि कर्मचारी और यात्री अब भारतीय हवाई अड्डों पर कृपाण ले जा सकते हैं, किया।

ऐसा है नया नियम

एक सिख यात्री कृपाण पहन सकता है बशर्ते उसके ब्लेड की लंबाई 15.24 सेमी (6 इंच) से अधिक न हो और कृपाण की कुल लंबाई 9 इंच से अधिक न हो। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने कहा कि भारत के भीतर भारतीय विमानों में हवाई यात्रा करते समय इसकी अनुमति है। जबकि पहले के आदेश में सिख कर्मचारियों को कृपाण पहनने से रोक दिया गया था, आदेश के शुद्धिपत्र ने कथित तौर पर इस सेक्शन को हटा दिया है।

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आदेश का हुआ था विरोध

हाल ही में, कृपाण पहने एक सिख कर्मचारी को अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपनी ड्यूटी करने से रोक दिया गया था। नए नियम का सिख संगठनों ने विरोध किया था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सिख कर्मचारियों को कृपाण पहनने से रोकने के नियम को खारिज करते हुए मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा था।

धामी ने कहा था, ''उनके अपने देश में, यह भेदभाव सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर एक बड़ा हमला है, जिसे कभी भी लागू नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि सिख इस देश की आजादी के लिए बलिदान देने में सबसे आगे रहे हैं और अगर देश की संस्कृति आज भी जीवित है, तो यह सिखों के कारण है।'' 

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