नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज (गुरुवार, 25 फरवरी) सोशल मीडिया और ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है, जिसके दायरे में फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ नेटफ्लिकस, ऐमजॉन प्राइम, हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आएंगे। सरकार की यह घोषणा ऐसे समय में आई है, जबकि बीते कुछ समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और केंद्र सरकार के बीच विभिन्न मसलों पर विवाद देखा गया। हाल में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मों, वेब सीरीज को लेकर भी ऐसे कई विवाद सामने आए हैं।
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए रेगुलेशंस की घोषणा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने की। उन्होंने कहा कि भारत में कारोबार के लिए सोशल मीडिया कंपनियों का स्वागत है, लेकिन इसमें मनमानी नहीं हो सकती। यूजर्स को सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर सवाल उठाने का फोरम मिलना चाहिए। सोशल मीडिया पर जहां मार्फ्ड तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, वहीं आतंकी गतिविधियों के लिए भी इनका इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में इनका नियमन जरूरी है। यहां समझें सोशल मीडिया और ओटीटी के लिए क्या नई नीतियां जारी की गई हैं?
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इन गाइडलाइंस की घोषणा करते हुए 26 जनवरी को लाल किले पर ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा का भी जिक्र किया और कहा कि इस तरह के मामलों में 'दोहरा मापदंड' नहीं होना चाहिए। उनका यह बयान यूएस कैपिटल में 6 जनवरी को तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा किए गए उत्पात के बाद सोशल मीडिया द्वारा कई लोगों के अकाउंट बंद कर दिए जाने और इस मामले में की गई पुलिस कार्रवाई का सोशल मीडिया द्वारा समर्थन किए जाने के संदर्भ में था। हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी सोशल मीडिया कंपनी का नाम नहीं लिया, पर माना जा रहा है कि उनका इशारा संभवत: ट्विटर की ओर था, जिसने 26 जनवरी की हिंसा के बाद भारत सरकार के निर्देश पर कई अकाउंट्स को ब्लॉक करने से इनकार कर दिया था।
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