नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण को लेकर सरकार ने रोडमैप तैयार किया है और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर की है, जिसके मुताबिक इस साल के आखिर तक सभी का टीकाकरण हो जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि बच्चों के वैक्सीनेशन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए भी पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है।
केंद्र ने शनिवार को शीर्ष अदालत में दायर अपने हलफनामे में कहा कि अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच टीकों की करीब 135 करोड़ खुराक भारत के पास होगी। जिनमें से 50 करोड़ कोविशील्ड और 40 करोड़ कोवैक्सीन होंगे। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V की 10 करोड़ डोज होने का अनुमान है।
इसके अतिरिक्त 30 करोड़ बायो ई सब-यूनिट वैक्सीन होंगे, जबकि 5 करोड़ Zydus Cadila DNA वैक्सीन होंगे। हालांकि इन दोनों वैक्सीन को अभी एप्रूवल नहीं मिला है, लेकिन केंद्र का कहना है कि मंजूरी प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि इस साल के आखिर तक सभी को टीकों की दो डोज के लिए 186.6 करोड़ खुराक की जरूत होगी और 51.6 करोड़ डोज 31 जुलाई तक लोगों को लगाई जाएगी। पूरी आबादी का वैक्सीनेशन इस साल के आखिर तक हो जाएगा।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि विदेशों से फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉर्डना जैसे वैक्सीन आयात करने के लिए भी बातचीत चल रही है, जो अंतिम चरण में है। इसके लिए राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट में पेश केंद्र के हलफनामे में फर्जी वैक्सीनेशन का भी जिक्र किया गया है, जिसकी शिकायत कई राज्यों से मिली है। केंद्र ने कहा है कि इस संबंध में राज्यों को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र ने कहा है कि वैक्सीनेशन कैम्प केवल कोविड वैक्सीनेशन सेंटर के जरिये हो सकते हैं और ऐसे सेंटर्स को कोविड प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर होना चाहिए।
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