कोलकाता। बुधवार को एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में ममता बनर्जी के खास सहयोगी शुभेंदु अधिकारी ने एमएलए पद से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद कानाफूसी शुरू हो गई कि क्या वो बीजेपी में शामिल होने वाले हैं। इस विषय पर शुभेंदु अधिकारी की तरफ से किसी तरह की टिप्पणी नहीं आई। हालांकि बीजेपी ने कहा कि टीएमसी के कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं और वो आजाद होना चाहते हैं। शुभेंदु अधिकारी के मुद्दे पर बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि वो फैसला उन्हें करना है। बुधवार के घटनाक्रम पर ममता बनर्जी ने चुप्पी तोड़ी हालांकि सीधे तौर पर शुभेंदु अधिकारी का नाम नहीं लिया।
ममता बनर्जी के तेवर हुए सख्त
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार 'माँ, माटी, मानुष' की है, और ये तीन तत्व कभी धोखा नहीं दे सकते, विश्वासघात या झूठ नहीं बोल सकते। हम झूठ बोलकर वोट नहीं लेते हैं, हम जो कहते हैं वह करते हैं, यह टीएमसी का संकल्प है।चंबल और बाहर से आए गुंडों के कुछ डकैतों ने बंगाल में प्रवेश किया। कभी-कभी वे पुलिस को धमकी देते हैं और कभी-कभी वे टीएमसी को धमकी देते हैं। आज टीएमसी एक बरगद के पेड़ की तरह गहरा है। 2-3 लोग जो जानते हैं कि उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिलेगा वे जा रहे हैं।
बंगाल में सियासी माहौल गर्म
बता दें कि शुभेंदु अधिकारी के बारे में इस तरह की चर्चा आम थी कि वो नेतृत्व की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। लगातार वो अपनी सरकार पर हमले भी कर रहे थे और इन सबके बीच आम जनमानस में चर्चा भी थी कि वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। इसके साथ ही हाल में जिस तरह से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को निशाना बनाया गया था उसके बाद ममता सरकार निशाने पर है। यहां यह भी समझना जरूरी है कि गृहमंत्री अमित शाह दो दिन के दौरे पर 19 दिसंबर को बंगाल जाने वाले हैं।
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