रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को कहा कि अगर नक्सलियों को संविधान पर भरोसा है तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है। प्रतापपुर में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए बघेल ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में चलाई जा रही राज्य सरकार की योजनाएं आदिवासियों का दिल जीत रही हैं। अब वे सड़कें और कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियां की वजह से छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियां चंद इलाकों तक ही सीमित हैं।
नक्सल प्रभावित इलाकों में राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि नक्सलियों को भारत के संविधान में अपना विश्वास व्यक्त करना चाहिए, और फिर हम उनके साथ किसी भी मंच पर बात करने के लिए तैयार हैं।
राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के हित में लिए गए फैसलों के लिए सीएम बघेल को आज मीडियाकर्मियों द्वारा अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रतापपुर में 'पत्रकार भवन' के लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति की घोषणा की। गौर हो कि राज्य सरकार ने वरिष्ठ पत्रकारों के लिए 'वरिष्ठ पत्रकार सम्मान निधि' के तहत मासिक पेंशन 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी है। इसके लिए आयु सीमा भी 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष कर दी गई है। साथ ही 'पत्रकार कल्याण कोष' के तहत पत्रकारों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता की सीमा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई है।
इसी तरह पत्रकारों के लिए नए मान्यता नियम बनाए गए हैं, जिसमें टीवी चैनलों, वेब पोर्टलों, समाचार पत्रिकाओं और समाचार एजेंसियों के पत्रकारों को मान्यता देने का प्रावधान किया गया है। मीडिया संस्थानों के लिए प्रत्यायन कोटा करीब दोगुना कर दिया गया है। पहली बार प्रखंड स्तर के पत्रकारों की भी मान्यता का प्रावधान किया गया है। COVID-19 के कारण मारे गए पत्रकारों के परिजनों को 5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी प्रावधान किया गया है। मान्यता की वैधता अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष कर दी गई है।
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