नई दिल्ली : चीन पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग झील के करीब अपने कब्जे वाले इलाके में एक दूसरे पुल का निर्माण कर रहा है। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार कहा कि हमने इस बारे में खबरों को देखा है; जिस इलाके का जिक्र किया जा रहा है, बेशक हमें लगता है कि यह इलाका कब्जा कर लिया गया था। हम इस तरह के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। हम इस बारे में चीनी पक्ष के साथ राजनयिक और सैन्य दोनों स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। उपग्रह की तस्वीरों से पता चला कि पैंगोंग झील के आसपास के अपने कब्जे वाले क्षेत्र में चीन एक दूसरे पुल का निर्माण कर रहा है और यह चीनी सेना के लिए इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को जल्दी से पहुंचाने में मददगार हो सकता है। दो साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में कई तनाव वाले बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सेनाओं में जारी गतिरोध के बीच पुल का निर्माण किया जा रहा है।
अगस्त 2020 में चीनी सैनिकों ने क्षेत्र में भारतीय सैनिकों को धमकाने की कोशिश की थी जिस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय पक्ष द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई रणनीतिक चोटियों पर कब्जा कर लिया गया। इसके बाद से चीन अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारत भी सैन्य तैयारियों को बढ़ाने के समग्र प्रयासों के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलों, सड़कों और सुरंगों का निर्माण कर रहा है। पता चला है कि चीन ने हाल ही में इलाके में पहले पुल का निर्माण कार्य पूरा किया है। नया पुल वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 20 किलोमीटर से अधिक दूर क्षेत्र में बनाया जा रहा है।
एलएसी पर चीनी गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक भू-स्थानिक खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन ने ट्विटर पर नए निर्माण की उपग्रह से ली गईं तस्वीरें पोस्ट कीं। साइमन ने ट्विटर पर कहा कि पहले पुल के समानांतर एक बड़ा पुल तैयार किया जा रहा है, इस निर्माण का संभावित लक्ष्य झील के ऊपर (सेना की) बड़ी/भारी आवाजाही में मदद करना है। साइमन द्वारा पोस्ट की गई उपग्रह तस्वीरों में यह दिखाया गया है कि पुल एक साथ दोनों तरफ से बनाया जा रहा है।
भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति और अमन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं। पूर्वी लद्दाख के गतिरोध को दूर करने के लिये भारत और चीन के बीच अब तक 15 दौर की सैन्य बातचीत हो चुकी है। वार्ता के फलस्वरूप दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों तथा गोगरा इलाके से सैनिकों को पीछे बुलाने का काम पूरा किया था।
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