नई दिल्ली। लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में विवादित जगह से चीन धीरे धीरे पीछे हट रहा है। सोमवार को गलवान घाटी से करीह 1.5 किमी चीनी सेना पीछे हटी तो मंगलवार को जानकारी आई कि हाट स्प्रिंग्स और गोगरा इलाके से भी चीनी सेना पीछे हट रही है। चीनी सेना का यह कदम उस बातचीत का हिस्सा जिसमें कोर कमांडरों की तो बैठक हुई ही थी उसके साथ ही एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी में भी वार्ता हुई थी।
गोगरा- हॉट स्प्रिंग से हट रही है चीनी सेना
हॉट स्प्रिंग और गोगरा वो दो इलाके हैं जहां दोनों देशों की सेनाएं आंख से आंख मिलाते हुए खड़ी हैं। बताया जा रहा है कि इन दोनो प्वाइंट्स से दोनों देशों की सेनाएं अगले दो दिनों में पीछे हट जाएंगी। लेकिन चीन की सेना की तरफ से फिर कोई धोखेबाजी न हो इसके लिए भारतीय वायुसेना की तरफ से सोमवार की रात गश्त की गई। बातचीत में फैसला किया गया है कि चीनी सेना विवादित इलाके से जितना पीछे जाएगी उसका जमीनी परीक्षण किया जाएगा।
दबाव आया काम लेकिन सतर्कता जरूरी
सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना क्षेत्र में विघटन प्रक्रिया के मद्देनजर अपने गार्ड को कम नहीं कर रही है और किसी भी घटना से निपटने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखना जारी रखेगी।उन्होंने कहा कि दोनों सेनाओं से इस सप्ताह के अंत में आगे की वार्ता आयोजित करने की उम्मीद की जाती है ताकि पहले चरण में विघटन प्रक्रिया पूरी हो सके। 30 जून को कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता में आए फैसलों के अनुसार, दोनों पक्ष उन अधिकांश क्षेत्रों में तीन किलोमीटर का न्यूनतम बफर ज़ोन बनाएंगे जहाँ वे गतिरोध में बंद थे।"हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से चीनी सैनिकों की पर्याप्त वापसी हुई है। चीनी सेना ने क्षेत्रों में अस्थायी बुनियादी ढांचे को भी ध्वस्त कर दिया है।
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