बंदर कितना भी बूढा क्यों न हो जाए गुलाटी मारना नहीं भूलता, ठीक उसी तरह समय कितना भी आगे बढ़ जाए चीन अपनी चालबाजियों और पीठ पर वार करने से पीछे नहीं हटेगा। एक के बाद एक मौके पर मुहं की खाने के बाद भी चीन अपनी चालबाजियों से पीछे नहीं हट रहा है। उसे लगता है कि मकड़ी के जाल की तरह वो जाल बुनकर भारत को उसमें फंसा लेगा। ये 2020 का भारत है और चीन अभी अतीत में अटका हुआ है, इसलिए वो चालबाजियां दिखा रहा है और हर बार मुहं की खा रहा है।
नेपाल से मगरमच्छ वाली दोस्ती कर रहा है चीन
नेपाल और भारत की सिर्फ दोस्ती ही नहीं बल्कि रिश्तेदारी भी है, लेकिन चीन इसमें अपनी चालाकी दिखाकर वर्तमान में नेपाल से मगरमच्छ वाली दोस्ती कर रहा है। हर कदम पर भारत से परास्त होने के बाद अब खबर आ रही है कि चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत नेपाल से लेकर तिब्बत तक रेल लाइन बिछा रहा है। ये खबर भारत के लिए ठीक नहीं। असल में ये सड़क भारतीय सीमा के करीब होगी, जिससे चीन भारत पर नजर रख सकता है। खबर ये भी है कि भारत से बढ़ते तनाव को देखते हुए चीन अब इस परियोजना में और निवेश कर रहा है। चीन को ये समझना चाहिए की लड़ाई किसी सड़क से नहीं बल्कि हौसलों से लड़ी जाती है। फैक्ट्री में सेना के जवान बनाकर वो भारतीय सेना का मुकाबला नहीं कर सकता।
बातचीत का ड्रामा, परदे के पीछे कुछ और खेल
जब-जब चीनी सैनिक भारतीय सेना के वीर सपूतों के हाथों मात खा रहा है, तब-तब वो कमांडर स्तर की बात से लेकर रक्षा मंत्री तक से बातचीत का मौका तलाश रहा है। हर बार वो चालबाजी दिखाकर बातचीत रखता है और फिर परदे के पीछे अपनी चालबाजी दिखाने की कोशिश करता है और मुहं की खाता है। फिर भी अपनी इस चालबाजी से चीन बाज नहीं आ रहा है।
अरुणाचल से 5 भारतियों को बंधक बना दिया कायरता का एक और सबूत
जब भारतीय सेना का मुकाबला नहीं कर सकते तो कायरता का परिचय देकर विश्व राजनीति में अपनी थू-थू क्यों करा रहे हो। उभरती हुई अर्थव्यवस्था, आधुनिक हथियारों से लैश वाली सेना का दंभ भरने वाले चीन की ये दशा हो गई कि वो अब आम लोगों किडनैपिंग का काम कर रहा है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा से चीनी सैनिकों ने कायरता का परिचय देते हुए पांच भारतियों को पकड़ लिया और उन्हें छोड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं।
चीनियों जब सामने से वार करना और उसका जवाब देना नहीं आता तो सैन्य सेवा में रहकर चालबाजियां क्यों दिखा रहे हो। चालबाजियां और करतब दिखाना है तो कहीं और भर्ती हो जाओ। भारतीय सेना के वीर सपूतों के बल का मुकाबला छल से करने की गलती मत करना, क्योंकि ये 2020 की भारतीय सेना है, हर कला में पारंगत है।
मुख्य बातें
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