नई दिल्ली: म्यानमार के रास्ते भारत में चीनी हथियारों और ड्रग्स की तस्करी की कोशिशें तेज हो गई हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में म्यांमार की सीमा पर असम राइफल्स के मल्टीपल ऑपरेशंस में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले 6 महीनों में असम राइफल्स ने पूर्वोत्तर राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर रिकॉर्ड वेपन और ड्रग रैकेट को बस्ट किया है जिनमें असाल्ट राइफल, चाइनीस पिस्टल जैसे कई चीनी हथियार शामिल हैं। पिछले साल म्यानमार में हुए तख्तापलट के बाद से तस्करी की इन घटनाओं में इजाफा दर्ज किया गया है। असम राइफल से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में असम राइफल्स ने दर्जनों सफल ऑपरेशंस के जरिए करोड़ों रुपए के विदेशी हथियार सिगरेट और ड्रग्स के जखीरे पकड़े हैं।
मई के महीने में हुई विदेशी हथियारों की रिकॉर्ड बरामदगी
असम राइफल्स ने मई के महीने में मिज़ोरम के विभिन्न जिलों से 1,86,63,700 रुपये मूल्य के हथियार, गोला-बारूद, हेरोइन नंबर 4, विदेशी मूल की सिगरेट, अवैध शराब और सुपारी बरामद की है।
23 सेक्टर असम राइफल्स की बटालियनों ने भारत-म्यांमार सीमा के साथ मिजोरम के विभिन्न क्षेत्रों में भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, हेरोइन नंबर 4, विदेशी मूल की सिगरेट, अवैध शराब और सुपारी बरामद की है। इन हथियारों में से ज्यादातर मेड इन चाइना हैं।
01 से 31 मई 22 माह के दौरान विभिन्न ऑपरेशंस में मिले सामान
ये ऑपरेशन असम राइफल्स की विभिन्न सतर्क और सक्रिय टीमों द्वारा किया गया था और विशिष्ट जानकारी के आधार पर मिजोरम पुलिस के साथ भी कई ऑपरेशन किए गये थे।
असम राइफल्स ने 15 स्मगलर्स को पकड़ा
बरामद वस्तुओं और पकड़े गए पंद्रह व्यक्तियों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन और सीमा शुल्क विभाग को सौंप दिया गया। हथियार, गोला-बारूद, ड्रग्स और प्रतिबंधित पदार्थों की चल रही तस्करी मिजोरम राज्य के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण है।
मिजोरम के सीमावर्ती जंगलों में सक्रिय हैं कई मिलिशिया ग्रुप
मिजोरम समेत पूर्वोत्तर राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में अलगाववादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) जैसेकई मिलीशिया ग्रुप सक्रिय हैं इनमें से ज्यादातर तस्करी में लिप्त पाए गए हैं असम राइफल्स और राज्यों की पुलिस इन ग्रुप्स के धरपकड़ अभियान में कई बार चीन से तस्करी कर लाए गए हथियारों के जखीरे बरामद कर चुकी है। असम राइफल्स की कोशिश है कि इन मिलीशिया ग्रुपस् को बातचीत के जरिए मुख्यधारा में पुनर्वासित किया जाए जिसके लिए इन्हें रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाती है। इस ऑपरेशन में असम राइफल्स को बड़ी सफलता हासिल हुई है और दर्जनों आतंकियों को मुख्यधारा से जोड़ा गया है, लेकिन अब भी मिजोरम और म्यांमार की सीमा पर घने जंगलों में कई मिलिशिया ग्रुप वेपन और ड्रग स्मगलिंग की कोशिश में लगे रहते हैं जिन पर इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर कार्रवाई की जाती है।
नवंबर 2021 में हुई थी कर्नल विप्लव त्रिपाठी की हत्या
मणिपुर के चूड़ाचांदपुर इलाके में ऐसे ही कई स्मगलर्स पर सफल ऑपरेशन करने के बाद असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर विप्लव त्रिपाठी को आतंकियों ने एंबुश में मार डाला था। जिस वक्त उनके काफिले पर हमला किया गया उस वक्त कर्नल विप्लव की गाड़ी में उनका बेटा और पत्नी भी मौजूद थे। नवंबर के बाद से अब तक असम राइफल्स ने पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाएं जिनमें रिकॉर्ड बरामदगी की गई।
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