नई दिल्ली। लद्दाख में एलएसी के पास चीनी हेलीकॉप्टरों को देखे जाने के बाद भारत हरकत में आया और तुरंत फाइटर प्लेन को रवाना किया। अभी दो दिन पहले सिक्किम के नाकु ला में भारतीय और चीनी सैन्य अधिकारियों के साथ झड़प हुई थी। सवाल यह है कि चीन की इस तरह की हरकत के पीछे की मंशा क्या है। क्या चीन जानबूझकर माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहा है। क्या कोरोना काल में जिस तरह से चीन छोड़ रही कंपनियों के पीछे भारत उन्हें लाने की कोशिश कर रहा है चीन उससे बौखला गया है।
पिछले साल सितंबर में हुई थी झड़प
पिछले साल सितंबर में भी लद्दाख में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच टकराव हुआ। जुलाई 2018 में जुलाई में भी इंडियन आर्मी और चीन आर्मी की झड़प हो चुकी है। तब चीन आर्मी ने उत्तरी लद्दाख के बुर्तसे में अस्थाई झोपड़ियां बना ली थी और डोकलाम तो 72 दिनों तक दोनों देशों के बीच विवाद का सबब बना रहा। असल में चीन अपनी वर्चस्ववादी सोच से आजिज आने वाला देश नहीं है।
किसी भी स्तर तक जा सकता है चीन
अपने आर्थिक हितों की पूर्ति के लिए वो किसी भी स्तर तक गिर सकता है और सच ये है कि आप अपना पड़ोसी नहीं चुन सकते हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल फिलहाल नहीं बदल सकते हैं इसलिए यह भी जानना जरूरी है कि ये वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC है क्या? ये भारत और चीन के बीच की वास्तविक सीमा रेखा है। 4,057 किलोमीटर लंबी ये सीमा रेखा जम्मू-कश्मीर में भारत अधिकृत क्षेत्र और चीन अधिकृत क्षेत्र अक्साई चीन को अलग करती है। ये लद्दाख, कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। ये भी एक तरह से युद्धविराम रेखा ही है क्योंकि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद दोनों देशों की सेनाएं जहां तैनात थी, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा मान लिया गया।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।