नई दिल्ली : भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात की। जून 2020 की गलवान घाटी की हिंसक घटना के बाद चीन के किसी बड़े नेता का यह पहला दौरा है। गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहत तनावपूर्ण हो गए थे। यहां हुई हिंसक झड़प में दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा। वांग की मुलाकात अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से भी होनी है। वांग आज भारत से नेपाल के लिए रवाना होंगे।
खास वक्त पर हुआ है चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा
नई दिल्ली-बीजिंग के रिश्तों पर भारत कई बार यह कह चुका है कि सीमा पर गतिरोध एवं तनाव यदि जारी रहा तो दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले की तरह सामान्य नहीं रह सकते। खास बात यह है कि चीन के विदेश मंत्री का यह भारत दौरा उस समय हुआ है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। इस युद्ध के बाद विश्व स्तर पर भूस्थानिक समीकरण बदलते दिख रहे हैं। चीन ने जहां रूस की कार्रवाई की समर्थन किया है वहीं, भारत ने अपनी भूमिका तटस्थ रखी है। भारत का कहना है कि बातचीत एवं कूटनीति के जरिए यूक्रेन समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए।
भारत पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी, जयशंकर-NSA डोभाल से करेंगे मुलाकात
काबुल से दिल्ली पहुंचे
वांग यी बृहस्पतिवार को अचानक काबुल पहुंचे। वह अफगानिस्तान के तालिबान शासकों से मिलने के लिए काबुल आए। हालांकि, कक्षा छह से ऊपर की लड़कियों के लिए स्कूल खोलने के वादे को तोड़ने जैसे रूढ़ि वादी कदम को लेकर एक दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तालिबान शासकों से नाराजगी जताई थी। बख्तर समाचार एजेंसी ने ऐलान किया कि वांग यी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए तालिबान के नेताओं से मिलेंगे। राजनीतिक संबंध, आर्थिक मामले और आपसी सहयोग के मुद्दों पर वह चर्चा करेंगे।
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