नई दिल्ली : लद्दाख के डेमचोक इलाके में चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एक सैनिक पकड़ा गया है। सुरक्षा एजेंसियां इस सैनिक से पूछताछ कर रही हैं। भारतीय सेना की तरफ से जारी बयान में सैनिक के पकड़े जाने की पुष्टि की गई है। सेना का कहना है कि चीनी सैनिक को चिकित्सा एवं अन्य मदद दी गई है। इस सैनिक को प्रोटोकॉल के तहत चीन को वापस कर दिया जाएगा। चीनी सैनिक के पकड़े जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो गई हैं और अपनी निगरानी बढ़ा दी हैं।
चीनी सेना का कॉरपोरल है सैनिक
रिपोर्टों के मुताबिक पकड़ा गया सैनिक चीनी सेना कॉरपोरल है। सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर यह पता करने में जुटी हैं कि वह क्यों और किस तरह से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ। वह जानबूझकर या गलती से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ। क्या वह जासूसी करने की नीयत से आया था, ये सारे सवाल उससे पूछे जाएंगे। जाहिर है कि वह जासूसी करने के इरादे से भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुआ होगा, तभी उससे पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि चीनी सैनिक के पास से सैन्य एवं नागरिक दोनों दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सेना ने जारी किया बयान
सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 19 अक्टूबर 2020 को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक इलाके में पीएलए के एक सैनिक को पकड़ा गया है। इसकी पहचान कॉरपोरल वांग या लांग के रूप में हुई है। यह सैनिक एलएसी के भारतीय क्षेत्र में आ गया था। मौसम की खराब दशा से बचाने के लिए पीएलए के इस सैनिक को ऑक्सीजन, भोजन, गर्म कपड़े सहित चिकित्सकीय सुविधाएं दी गई हैं। इस लापता सैनिक के बारे में पीएलए से भी अनुरोध प्राप्त हुआ है। प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद तय प्रोटोकॉल के तहत इस सैनिक को चुशूल-मोल्डो में चीनी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
चुशूल में भारतीय सेना का बड़ा जमावड़ा
यदि यह जासूसी का मामला उभरकर सामने आता है तो पहले से तनाव चल रहे भारत और चीन के रिश्तों में और तल्खी आ जाएगी। चीनी सैनिक डेमचोक के जिस जगह से पकड़ा गया है, वह स्थान चुशूल के नजदीक है। चुशूल में भारतीय सेना का बड़ा जमावड़ा है। पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बनने के बाद चुशूल में भारत का एक बड़ा सैन्य ठिकाना है। हो सकता है कि चीन की सेना चुशूल में भारतीय सेना की गतिविधियों एवं एवं सामरिक तैयारियों का जायजा लेने के लिए इस सैनिक को जासूसी के लिए यहां भेजा हो।
चीन और भारत के बीच होनी है बातचीत
चीनी सैनिक के पकड़े जाने की यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब सीमा पर तनाव कम करने के उद्देश्य से दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत होने वाली है। जाहिर है कि इस बैठक में भारत चीनी सैनिक के घुसपैठ का मामला उठाएगा। जासूसी करते सैनिक का पकड़ा जाना चीन के लिए भी अपमानजनक बात है। साल 2008 में भी चीन के कई सैनिक भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए थे।
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