नई दिल्ली: खबरें आ रही हैं कि जल्द होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के कोटे से पशुपति पारस को मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि चिराग पासवान ने इस पर घोर आपत्ति जताई है। एलजेपी वर्तमान में चिराग और पारस गुट में बंट चुकी है। जहां एक तरफ चाचा पशुपति पारस ने पार्टी पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश की है और चिराग को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया, वहीं चिराग ने भी चाचा के बागी तेवर के बाद उन पर और उनके सहयोगियों पर कार्रवाई की है।
अब केंद्र में एलजेपी के कोटे से चाचा पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने की खबरों पर चिराग ने कहा है कि उन्हें (पशुपति पारस) लोजपा कोटे पर केंद्रीय मंत्री बनाना संभव नहीं है क्योंकि पार्टी के कार्यकारी बोर्ड ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। मैंने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से सूचित किया है। अगर उन्हें मेरी पार्टी के सांसद के रूप में मंत्री नियुक्त किया गया तो मैं कोर्ट जाऊंगा। निर्दलीय सांसद या जदयू से मंत्री बने तो कोई बात नहीं।
21 नए मंत्री बन सकते हैं
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार 8 जुलाई की सुबह हो सकता है। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल में अभी 53 मंत्री है। इस संख्या को बढ़ाकर 81 किया जा सकता है। 21 मंत्री जोड़े जाने की उम्मीद है। सभी की निगाहें उन राज्यों पर टिकी हैं जहां अगले साल चुनाव होने हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार पर बिहार के सीएम और जद (यू) नेता नीतीश कुमार ने कहा, 'मुझे किसी फॉर्मूले के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास इसका अधिकार है। वह अधिकृत व्यक्ति है। जो कुछ भी चर्चा के माध्यम से किया जाना है, उसके अनुसार किया जाएगा।'
दिल्ली पहुंच रहे नेता
वहीं असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोबाल दिल्ली पहुंच गए हैं, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। दोनों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। सिंधिया मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल का तीन दिवसीय दौरा अधूरा छोड़कर मंगलवार दोपहर दिल्ली रवाना हो गए।
इनको मिल सकती है जगह
सूत्रों का कहना है कि जदयू ने केंद्र में दो कैबिनेट, दो राज्य मंत्री यानी कुल चार मंत्रियों के पद मांगे हैं। सूत्रों का कहना है कि जदयू से सांसद आरसीपी सिंह और राजीव रंजन लल्लन का नाम आगे चल रहा है। 2022 के चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश से चार मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसमें कुर्मी वोटों के मद्देनजर अपना दल मुखिया अनुप्रिया पटेल भी मोदी सरकार में जगह पा सकतीं हैं। पिछली मोदी सरकार में अनु्प्रिया पटेल मंत्री रह चुकीं हैं। पिछली सरकार में मंत्री रहे शिवप्रताप शुक्ला को फिर मौका मिल सकता है। हालांकि, रमापति राम त्रिपाठी, हरीश द्विवेदी, रवि किशन, जितिन प्रसाद का नाम दावेदारों में चल रहा है। उत्तर प्रदेश के दलित नेता रामशंकर कठेरिया या विनोद सोनकर में से किसी एक को मोदी सरकार में जगह मिल सकती है।
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