नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। कथित तौर पर छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान कई वाहनों में आग लगा थी। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर कार्रवाई की। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने कॉलेज परिसर में घुसकर छात्रों को बुरी तरह पीटा। शौचालयों, पुस्तकालयों में घुस आए। इतना ही नहीं पुलिस ने लड़कियों को भी पीटा। पुलिस कार्रवाई के खिलाफ देशभर के कई कॉलेजों में छात्रों ने प्रदर्शन किया। इसके बाद सोमवार को दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रविवार की घटना को विस्तार से बताया।
रंधावा ने कहा कि रविवार दोपहर करीब 2 बजे विरोध प्रदर्शन हुआ, स्थानीय लोगों ने भी भाग लिया, हमारे कर्मचारियों ने उकसावे के बावजूद अधिकतम संयम दिखाया। लगभग 4:30 बजे कुछ प्रदर्शनकारी माता मंदिर मार्ग की ओर गए और एक बस में आग लगा दी। इस घटना को लेकर बहुत सी अफवाहें चल रही हैं (जामिया के पास हिंसा), मैं सभी से विशेष रूप से छात्रों से अपील करता हूं कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें। इस घटना में जो भी शामिल है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रंधावा ने कहा कि करीब 30 पुलिस कर्मियों को चोटें आईं, 2 एसएचओ को फ्रैक्चर हुआ, हमारा एक जवान आईसीयू में है। मारपीट और आगजनी के लिए 2 एफआईआर दर्ज की गई हैं। क्राइम ब्रांच सभी एंगल से मामले की जांच करेगी।जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति के आरोप पर दिल्ली पुलिस पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि पुलिस ने बिना अनुमति के विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। जब हमने उपद्रवी तत्वों को भगाना शुरू किया, तो वे अंदर चले गए। पुलिस ने भी उनका पीछा किया, हम पर पथराव किया जा रहा था। हम विस्तार से इसकी जांच कर रहे हैं।
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